सीजी भास्कर, 24 जून। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले विशेष प्रसाद मोदक के गायब हो जाने का मामला गरमाता जा रहा है। इस घटना ने न केवल सेवायतों और श्रद्धालुओं के बीच चिंता और नाराजगी पैदा की है, बल्कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला 313 अमुनिया मोदकों का है, जिन्हें भगवान जगन्नाथ के दशमूल अनुष्ठान के लिए मंदिर के राजवैद्यों ने तैयार किया था। इन्हें मंदिर के सुरक्षित गरदा घर में रखा गया था, जहां सुरक्षा की जिम्मेदारी मंदिर के कमांडर की देखरेख में थी।
21 और 22 जून की रात अनुष्ठान के दौरान जब भगवान को मोदक चढ़ाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो यह पाया गया कि 70 मोदक गायब हैं।
दासमहापात्र के सवाल और मंदिर प्रशासन का जवाब
इसके बाद भगवान बलभद्र के बाड़ग्रही सेवायत हलधर दासमहापात्र ने मंदिर प्रशासन को दी लिखित शिकायत में सवाल उठाए कि इतने सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच यह पवित्र प्रसाद कैसे गायब हो गया।
इस पूरे मामले में मंदिर प्रशासन की ओर से मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने सफाई दी है।उन्होंने कहा कि भगवान बलभद्र के बाड़ग्रही ने हमें लिखित शिकायत दी है कि प्रशासन के किसी व्यक्ति ने मोदक चुराए हैं, लेकिन अभी तक जितना हमें समझ आया है। ये आरोप सत्य नहीं हैं।
की जा रही है जांच होगी कार्रवाई
अरविंद पाढ़ी ने कहा कि हमारा कोई भी प्रशासनिक व्यक्ति मोदकों को नहीं छूता. मोदकों को छूने का अधिकार सिर्फ कुछ निर्धारित सेवायतों को ही है। गरदा घर से आने-जाने वाले हर सेवायत का लिखित रिकॉर्ड रखा जाता है। 313 मोदक आए थे और बिना कोई त्रुटि के वो बाहर भी गए हैं।
इसका लिखित प्रमाण हमारे रिकॉर्ड में है, लेकिन फिर भी हम जांच कर रहे हैं। हम सीसीटीवी फुटेज देखेंगे। यह मामला मंदिर की गुप्त नीति से जुड़ा है। लिहाजा ज्यादा चर्चा करना उचित नहीं है। हम जांच कर कार्रवाई करेंगे।
श्रद्धालुओं और सेवायतों को है उम्मीद
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाएगी। श्रद्धालुओं और सेवायतों की नजर अब इस बात पर है कि मंदिर प्रशासन किस तरह से मामले की पारदर्शिता बनाए रखेगा और दोषियों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करेगा।
हालांंकि श्रद्धालुओं और सेवायतों को उम्मीद है कि मंदिर प्रशासन जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठाएगा और दोषियों पर उचित कार्रवाई करेगा।