हमीरपुर ज़िले के सुभाष बाजार में उस वक़्त सनसनी मच गई जब एक ज्वेलरी शॉप के मालिक ने अपनी दुकान के बाहर पेड़ पर बैठे एक बंदर को गोली मार दी। गोली लगते ही बंदर नीचे गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन असली ड्रामा इसके बाद शुरू हुआ, जब दर्जनों बंदर वहां इकट्ठा होकर मानो मातम मनाने लगे।
ज्वेलर ने क्यों चलाई गोली?
जानकारी के मुताबिक, सुभाष बाजार स्थित ‘पीपल ज्वेलर्स’ के मालिक अभिषेक गुप्ता की दुकान के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ है। सोमवार को एक बंदर दुकान के बोर्ड से छेड़छाड़ कर रहा था। इससे नाराज़ होकर अभिषेक ने अपनी शॉर्ट गन उठाई और बंदर को निशाना बनाकर गोली चला दी। गोली लगते ही बंदर गिर पड़ा और दम तोड़ दिया।
बंदरों ने किया अंतिम दर्शन, इंसानों को खदेड़ा
बंदर की मौत के बाद जैसे ही आसपास के बंदरों को इस बात का एहसास हुआ, तो एक के बाद एक दर्जनों बंदर घटनास्थल पर पहुंच गए। कुछ बंदर मृतक बंदर के शरीर के पास बैठ गए और मातमी आवाज़ें निकालने लगे। वे उसके शरीर को बार-बार छू रहे थे, कपड़ा हटाकर उसे देख रहे थे। वहां मौजूद लोग भावुक हो गए और कई लोग डरकर वहां से भाग निकले।
बंदरों ने वन विभाग की टीम पर किया हमला
जब यह सूचना वन विभाग को दी गई, तो टीम शव को लेने पहुंची। लेकिन जैसे ही उन्होंने मृत बंदर को उठाने की कोशिश की, आक्रोशित बंदरों ने वन विभाग के कर्मियों को घेर लिया। टीम को कई बार पीछे हटना पड़ा। घंटों की मशक्कत और लोगों की मदद से आखिरकार वन विभाग बंदर के शव को लेकर रवाना हो सका।
वन विभाग की कार्रवाई और पोस्टमार्टम
हमीरपुर के वन रेंजर एसडी पांडे ने बताया कि मृत बंदर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आरोपी ज्वेलर के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी सवाल और नैतिक चिंता
इस घटना ने न सिर्फ कानूनी सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इंसान और जानवरों के बीच के रिश्ते को लेकर भी गंभीर चिंतन की ज़रूरत बता दी है। बंदरों का इस तरह से मृत साथी के लिए शोक मनाना और हिंसक प्रतिक्रिया देना, इस बात का संकेत है कि जानवर भी गहराई से महसूस करते हैं।