अनुसंधान और नवाचार के लिए नए रास्ते
भिलाई नगर, 10 जून। छत्तीसगढ़ के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ सीजेन के बीच एमओयू हुआ है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना है।
इससे दोनों संस्थानों के छात्रों और शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर पर नवाचार का अवसर मिलेगा साथ ही आईआईटी भिलाई में सेंसर टेक्नोलॉजी का ज्वाइंट सेंटर बनेगा।
आपको बता दें कि सेंसर टेक्नोलॉजी सेंटर को दोनों संस्थानों के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा। सेंटर आधुनिक सेंसर टेक्नोलॉजी पर अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
एमओयू के अवसर पर भारतीय दूतावास जर्मनी से डॉ. बैनर्जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने इस सहयोग की सराहना की। समझौते पर दोनों संस्थानों के प्रमुखों ने सिएगेन विश्वविद्यालय में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए।
आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने इसे भारत-जर्मनी के बीच एकेडमिक रिलेशन को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
गौरतलब हो कि इस समझौते से अंतःविषयक अनुसंधान और नवाचार के लिए नए रास्ते खुलने की उम्मीद है। जिससे स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट बुनियादी ढांचे और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में वैश्विक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र और औद्योगिक अनुप्रयोगों में योगदान मिलेगा।