सीजी भास्कर, 3 सितम्बर |
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पुलिस ने एक बड़े म्यूल अकाउंट गिरोह का पर्दाफाश किया है। साइबर सेल और कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सक्ती जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ये आरोपी जरूरतमंद लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर बैंक खाते खुलवाते और फिर उन खातों को साइबर अपराधियों को बेच देते थे।
कैसे खुला मामला?
गृह मंत्रालय की ओर से संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय पोर्टल से मिले अलर्ट के बाद डीएसपी साइबर सेल ने जांच शुरू की।
इसमें सामने आया कि रायगढ़ के अलग-अलग बैंक खातों में 69 लाख 18 हजार 979 रुपए जमा किए गए थे। यह रकम साइबर धोखाधड़ी के जरिए हासिल की गई थी और बाद में यूपी, दिल्ली, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र के खातों में ट्रांसफर की गई।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन खातों में से 5 लाख 22 हजार 798 रुपए होल्ड कर लिए हैं।
गिरोह का काम करने का तरीका
जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य जरूरतमंद लोगों को माइक्रो फाइनेंस कंपनी के जरिए लोन दिलाने का झांसा देते थे।
- बदले में उन्हें 5 हजार रुपए देकर बैंक खाता खुलवाते।
- खाते का किट और सिम कार्ड आरोपी अपने पास रख लेते।
- इन खातों को साइबर अपराधियों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाते।
सक्ती से पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सक्ती जिले के ग्राम डभरा निवासी शिवाजी चन्द्रा और ग्राम चन्देलाडीह निवासी जितेश कुमार चन्द्रा (28 वर्ष) को पकड़ा।
पूछताछ में दोनों ने गिरोह की पूरी साजिश का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि हर खाते के बदले में उन्हें लगभग 10 हजार रुपए मिलते थे, जो कैश या फोन-पे के जरिए दिए जाते थे।
आरोपी शिवा चन्द्रा ने अब तक डेढ़ लाख रुपए कमाने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं और दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
पांच और आरोपी पुलिस की रडार पर
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने अपने गिरोह के अन्य 5 सदस्यों के नाम भी बताए हैं। ये आरोपी फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने और बैंक खाते खुलवाने में मदद करते थे। पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी हुई है।