सीजी भास्कर, 18 सितंबर। कड़बी चौक के पास फायरिंग कर लाखों रुपए की लूटपाट (Nagpur Robbery Case) किए जाने के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके 6 फरार साथियों की तफ्तीश की जा रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अपराधियों को सुपारी दी थी। लूटपाट के बाद चोरी की गई गाड़ी वहीं छोड़ दी गई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने एआई तकनीक की मदद से आरोपियों का पता लगा कर उन्हें पकड़ा है। यह जानकारी नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने पुलिस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
यह हैं आरोपी (Nagpur Robbery Case)
पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस प्रकरण में आरोपी सिमरजीत संधू (40) के. के. रोड, पंजाब, शेख हुसैन उर्फ जावेद शेख बशीर सवारे (37) राउत नगर, वाठोड़ा, अब्दुल नावेद अब्दुल जावेद (33) बजरिया गणेशपेठ और सैयद जीशान सैयद रहमान (32) जाफर नगर, गिट्टीखदान नागपुर के निवासी हैं। अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों से दो कार, तीन दोपहिया वाहन, एक देसी पिस्तौल, एक जिंदा कारतूस, 65 हज़ार रुपए नकद, 5 मोबाइल फोन सहित करीब 21 लाख 11 हज़ार रुपए के कीमती सामान जब्त किए गए हैं। डॉ. सिंगल ने कहा कि डकैती की योजना में शामिल उत्तर प्रदेश के 6 आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सहपुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, अपर पुलिस आयुक्त वसंत परदेशी, उपायुक्त राहुल माकणीकर और निकेतन कदम उपस्थित थे।
चोरी की दोपहिया पर आए थे : गौरतलब है कि मेकोसाबाग निवासी राजीव उर्फ राजू दीपानी (47) अनाज व्यापारी हैं। स्वरूप एग्रो ट्रेडर्स के नाम से 10 नंबर पुलिया के पास उनका ऑफिस है। 10 सितंबर को रात में 7.45 बजे जब वह घर जा रहे थे, तभी कड़बी चौक पर काले रंग के दोपहिया वाहन पर सवार दो आरोपियों ने उनकी दोपहिया को पैर से धक्का देकर गिरा दिया और उसके चेहरे पर स्प्रे छिड़कते हुए एक आरोपी ने तीन राउंड फायरिंग की। एक गोली व्यापारी की पीठ में लगी। आरोपियों ने उसके पास रखे एयर बैग को जबरन छीन लिया और फरार हो गए। इस मामले में घायल राजीव की पत्नी श्रुति दीपानी (47) की शिकायत पर जरीपटका थाने में मामला दर्ज किया गया है।
राजीव के कार्यालय में गया था जावेद (Nagpur Robbery Case)
चारों आरोपी लोन पर लिए गए वाहनों से वसूली और उठाने का काम करते हैं। आरोपी जावेद शेख एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता है। उसके मालिक के नाम से कुछ पैसे अमरावती से राजीव के कार्यालय में भेजे गए थे। जावेद लगभग दो महीने पहले राजीव के कार्यालय में पैसे लेने गया था। तभी उसके मन में यह धारणा बनी कि वहां पर हवाला का लेनदेन होता है। उसने यह जानकारी पूछताछ में पुलिस को दी है। जावेद ने पुलिस को बताया कि उसे यह अंदाज़ा हो गया था कि राजीव के कार्यालय में हवाला का पैसा आता है। उसी दौरान उसके मन में डकैती का ख्याल आया।
50 लाख का हिसाब नहीं दिया
राजीव ने कथित तौर पर 50 लाख और आरोपियों ने कथित तौर पर 19 लाख छीन कर भागने की बात बताई है। असली हालात जांच के बाद स्पष्ट होंगे। घटना वाले दिन राजीव 24 लाख रुपए लेकर दुकान से निकला था। कार्यालय के कर्मचारियों ने राजीव के घर 54 लाख रुपए पहुंचाए थे। राजीव ने अभी तक 50 लाख रुपए का हिसाब नहीं बताया है। लूटे (Nagpur Robbery Case) गए 19 लाख रुपयों में से 15 लाख रुपए आरोपी उत्तर प्रदेश लेकर चले गए थे। बाकी रकम स्थानीय आरोपियों के पास रही। इसमें से 1 लाख 80 हजार रुपए संधू ने अपनी पत्नी के खाते में जमा किए थे। बाद में स्थानीय आरोपी हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। उन्होंने 1 लाख रुपए खर्च किए। बाकी राशि यात्रा और खाने पर उड़ा दी गई, जबकि अन्य 6 आरोपी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गए। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस आयुक्त के निर्देशन में 7 टीमें लगाई गईं।
ऐसे बनी लूट (Nagpur Robbery Case) की योजना
जावेद ने सिमरजीत संधू को राजीव के कार्यालय में होने वाले लेनदेन के बारे में जानकारी दी। उसने अब्दुल नावेद और सैयद जीशान को इकट्ठा किया। चारों ने मिलकर वारदात की योजना बनाई। चूंकि जावेद और संधू दोनों ट्रांसपोर्ट के कारोबार में हैं, इसलिए उनकी अलग-अलग प्रांतों में पहचान है। योजना बनने के बाद संधू ने उत्तर प्रदेश के अपराधियों से संपर्क किया। उसने 6 आरोपियों को राजीव की सुपारी दी। योजना के मुताबिक 7 सितंबर को यूपी के 6 आरोपियों ने पिस्तौल लेकर आना तय किया था। दस आरोपियों ने एक होटल में बैठकर गोली-छाप लूट की रूपरेखा बनाई। उन्होंने वाड़ी इलाके से दो दोपहिया वाहन चुरा लिए थे। वे चोरी के दोपहिया पर ही घटनास्थल पर पहुंचे थे।