NAN Scam Case: जमानत मिलने से राहत की सांस, लेकिन जांच अभी बाकी
सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर | रायपुर में चर्चित (NAN Scam Case) में फंसे रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को आखिरकार राहत मिली है। स्पेशल कोर्ट ने दोनों अफसरों को जमानत दे दी है। 22 सितंबर को दोनों ने ED की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें कस्टडी में भेजा गया था। अब अदालत ने उनकी रिहाई का आदेश दिया है, जबकि जांच एजेंसी (ED) 7 दिसंबर को अपनी चार्जशीट पेश करने की तैयारी में है।
दिल्ली में हुई लंबी पूछताछ, अब कोर्ट में आगे की सुनवाई
ED ने दोनों अफसरों से दिल्ली स्थित मुख्यालय में कई घंटों तक पूछताछ की थी। अधिकारियों के मुताबिक, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच चल रही है। रिमांड पूरी होने के बाद जब दोनों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, तो कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को मंजूरी दी। अब अगली सुनवाई चार्जशीट दायर होने के बाद होगी।
क्या है नान घोटाले की असल कहानी
(NAN Scam Case) यानी नागरिक आपूर्ति निगम से जुड़ा यह मामला फरवरी 2015 में सामने आया था। उस समय आरोप लगे कि चावल, नमक और अन्य राशन सामग्री की ढुलाई व भंडारण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इसके बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू ने एक साथ छापेमारी की थी।
रायपुर मुख्यालय से करीब 1.75 करोड़ रुपए नकद और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए थे। जांच पूरी होने पर निगम के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई, जिनमें कुछ उच्चस्तरीय अधिकारी भी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – जांच में तेजी लाए ED
बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि जांच लंबी नहीं खिंचनी चाहिए और (NAN Scam Case) से जुड़े सभी पहलुओं को तय समय में पूरा किया जाए। अदालत ने ईडी को तीन महीने और ईओडब्ल्यू को दो महीने का समय दिया है ताकि लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा हो सके।
आरोपियों की पृष्ठभूमि और भूमिका
IAS आलोक शुक्ला, जो पहले डॉक्टर रह चुके हैं, उस समय खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे। वहीं, अनिल टुटेजा नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के एमडी पद पर कार्यरत थे। दोनों पर आर्थिक अनियमितताओं के संचालन और निगरानी में लापरवाही के आरोप लगे थे। हालांकि, दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकारा है और कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
अब आगे क्या?
अब नजरें 7 दिसंबर पर टिकी हैं, जब ED अपनी चार्जशीट कोर्ट में पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में नए साक्ष्य और वित्तीय लेनदेन से जुड़े तथ्य शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ सकता है। फिलहाल, जमानत मिलने के बाद दोनों रिटायर्ड अफसरों को राहत तो मिली है, लेकिन जांच का दायरा अभी खत्म नहीं हुआ है।