सीजी भास्कर, 06 जून : छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए खेलों में भविष्य गढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 4 जून को महानदी भवन, नया रायपुर में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी (National Archery Academy) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। यह अकादमी देश की श्रेष्ठ खेल संस्थाओं में से एक होगी, जिसमें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्र और खिलाड़ियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी।
राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी (National Archery Academy) की स्थापना के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग को नया रायपुर के सेक्टर-03, ग्राम परसदा स्थित 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क दी जाएगी। भूमि के प्रीमियम, भू-भाटक एवं जीएसटी सहित 39.22 करोड़ रूपए की प्रतिपूर्ति राज्य शासन, नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह केवल एक भवन या संस्थान की शुरुआत नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। हमारे यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है, जरूरत है उन्हें सही प्रशिक्षण और अवसर देने की। राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी जैसे संस्थान प्रदेश के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे। यह अकादमी न केवल खेल के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की पहचान बनाएगी, बल्कि यहां से निकलने वाले खिलाड़ी देश का गौरव भी बढ़ाएंगे।
इस तीरंदाजी अकादमी (National Archery Academy) की स्थापना एनटीपीसी लिमिटेड के सहयोग से की जाएगी। प्रस्तावित अकादमी में आउटडोर तीरंदाजी रेंज, एसी युक्त इनडोर रेंज, उच्च प्रदर्शन केंद्र, खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, निदेशकों और कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं शामिल होंगी। भूमि आवंटन आदेश के तीन माह के भीतर लीज अनुबंध निष्पादित कर उसका पंजीयन कराना होगा तथा अनुबंध की तिथि से एक वर्ष के भीतर निर्माण कार्य प्रारंभ कर तीन वर्षों में पूर्ण करना आवश्यक होगा।
राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी (National Archery Academy) के निर्माण की जिम्मेदारी क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण की होगी। इसलिए आवश्यक बजटीय प्रावधान राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में यह पहली बार होगा जब तीरंदाजी जैसे पारंपरिक और तकनीकी खेल के लिए इतनी बड़ी संरचना का निर्माण किया जाएगा। इससे आदिवासी क्षेत्रों में छिपी तीरंदाजी प्रतिभाओं को भी एक मंच मिलेगा और प्रदेश खेलों के क्षेत्र में एक नई पहचान की ओर अग्रसर होगा।