सीजी भास्कर, 16 मई। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के नक्सल प्रभावित, घने जंगलों में बसे 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली (Naxal area power supply) पहुंची है। यह सिर्फ एक विकास कार्य नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना की वह उपलब्धि है, जिसने इन वनांचलों में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के जीवन में आशा और उजाले की किरण बिखेरी है।
करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से गांवों में बिजली (Naxal area power supply) पहुंचाने का कार्य किया गया, जिनमें प्रमुख हैं — कातुलझोरा, कट्टापार, बुकमरका, पुगदा, पीटेमेटा, मेटातोडके, एडसमेटा और अन्य दुर्गम वनग्राम। नक्सल खतरे, सघन वनों और पहाड़ी रास्तों के बावजूद बिजली पहुंचाना एक मिशन जैसा कार्य था, जिसे तकनीकी टीम ने पूरा समर्पण के साथ अंजाम दिया।
इन गांवों में अब तक लोग सौर ऊर्जा, लालटेन और दीयों पर निर्भर थे। कई जगह सोलर प्लेट चोरी या खराब हो चुकी थीं। लेकिन अब 275 परिवारों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है और बाकी घरों में कार्य जारी है।
टाटेकसा गांव में 25 केवीए ट्रांसफार्मर को चार्ज कर पहली बार बिजली (Naxal area power supply) चालू की गई।
इस पूरी परियोजना के अंतर्गत 45 किमी लंबी 11 केवी लाइन, 87 एलटी पोल और 17 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।
कार्यपालक निदेशक श्री सेलट ने बताया कि वन विभाग से एनओसी प्राप्त करना, दुर्गम क्षेत्रों में उपकरणों की ढुलाई और स्थानीय चुनौतियां इस मिशन में सबसे कठिन थीं, लेकिन मुख्यमंत्री की योजना और टीम के समर्पण से सब संभव हो पाया।
ग्रामीणों ने बिजली आने पर खुशी में नृत्य किया, पटाखे फोड़े और वर्षों से देखे गए स्वप्न को साकार होते देखा।