सीजी भास्कर, 05 अप्रैल : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Naxal Free Village) ने बस्तर पंडुम को अगले वर्ष से राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में देशभर के आदिवासी जिलों के कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा, जिससे बस्तर की संस्कृति को वैश्विक पहचान मिलेगी।
अमित शाह (Naxal Free Village) ने बस्तर पंडुम उत्सव के दौरान जनजातीय आराध्य देवताओं को नमन किया और महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने जल, जंगल, जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इसके अलावा, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबू जगजीवन राम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी, यह कहते हुए कि उन्होंने दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
बस्तर पण्डुम में 1850 ग्राम पंचायतों, 12 नगर पंचायतों, 8 नगर परिषदों, और एक नगर पालिका के कुल 47000 कलाकारों ने भाग लिया। यह उत्सव 12 मार्च से 5 अप्रैल तक चला और इस वर्ष 7 श्रेणियों में आयोजित किया गया। अगले वर्ष इसे 12 श्रेणियों में विस्तारित किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर की बोलियां, वाद्य यंत्र, भजन और परंपराएं केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें संरक्षित रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
नक्सलमुक्त गांवों को मिलेगा 1 करोड़ रुपये (Naxal Free Village)
केंद्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करेंगे, उन्हें “नक्सली मुक्त गांव” घोषित कर 1 करोड़ रुपये (Naxal Free Village) की विकास निधि दी जाएगी। उन्होंने अपील की कि ग्राम सभा कर गांवों को सरेंडर की प्रक्रिया में आगे लाएं। अब तेंदूपत्ता 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से सीधे सरकार खरीद रही है, और राशि सीधे आदिवासियों के खाते में जा रही है। इससे लाल आतंक से जुड़े लोगों का नियंत्रण समाप्त होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि जो नक्सली हथियार छोड़ देंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा और सम्मान के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा। लेकिन जो हथियार नहीं डालेंगे, उनके विरुद्ध सुरक्षाबल कड़ी कार्रवाई करेगी। हर गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए छोटे अस्पताल, स्कूल, आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।