सुकमा, छत्तीसगढ़।
शहीदी सप्ताह के दौरान छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार सुबह से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ जारी है। जंगल के भीतर डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन पर निकली थी, तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया।
बारिश के बीच भी बंदूकें गरज रही हैं, और रुक-रुक कर फायरिंग जारी है। सुरक्षा कारणों से मुठभेड़ स्थल की सटीक जानकारी फिलहाल गोपनीय रखी गई है।
हमला पहले से प्लान था
सुरक्षा एजेंसियों को पहले से इनपुट था कि शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सुकमा के जंगलों में बड़े स्तर पर सर्च अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान नक्सलियों ने अचानक हमला बोल दिया।
मुठभेड़ के दौरान एक आईईडी विस्फोट भी हुआ, जिसमें दो जवान घायल हो गए हैं। राहत की बात यह है कि दोनों को सिर्फ मामूली चोटें आई हैं और वे खतरे से बाहर हैं।
नक्सलियों को भी नुकसान की आशंका
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में नक्सलियों को भी भारी नुकसान हुआ है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जंगल में तलाशी अभियान अब भी जारी है और मुठभेड़ थमी नहीं है।
ऑपरेशन की निगरानी में टॉप अफसर
सुकमा के एसपी किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पुलिस ने कहा है कि मुठभेड़ पूरी तरह खत्म होने के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
क्या है शहीदी सप्ताह?
माओवादियों द्वारा हर साल जुलाई के अंत में शहीदी सप्ताह मनाया जाता है, जिसमें वे अपने मारे गए साथियों को याद करते हैं और इस दौरान किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां इस सप्ताह में खास सतर्कता बरतती हैं।