सीजी भास्कर, 22 जून |
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने शनिवार देर रात 2 ग्रामीणों की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि इनमें एक सरेंडर नक्सली भी शामिल है। नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक पर इनकी जान ली है। मामला पामेड़ थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतकों का नाम समैय्या और वेको देवा है। समैय्या पहले नक्सली था। उसने 2025 में आत्मसमर्पण किया है। वहीं वेको देवा ग्रामीण है। दोनों नक्सल प्रभावित गांव सेंड्राबोर और एमपुर के रहने वाले थे। इन्हें मिलाकर बीजापुर में 7 दिन में ये 5वीं हत्या है।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शनिवार रात बड़ी तादाद में हथियारबंद नक्सली सेंड्राबोर और एमपुर पहुंचे। उनके घर से सरेंडर नक्सली समैय्या और ग्रामीण वेको देवा को किडनैप कर ले गए। इस दौरान दोनों को नक्सलियों ने बेरहमी से पीटा। उनपर आरोप लगाया कि तुमने पुलिस से मुखबिरी की है।
इस दौरान नक्सलियों ने दोनों की बेरहमी से हत्या कर दी। मर्डर के बाद लाश को गांव में ही फेंककर भाग गए। वहीं इसकी जानकारी जब पुलिस को मिली तो जवानों को मौके के लिए भेजा गया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
5 दिन पहले 3 लोगों की हत्या, 7 को बेदम पीटा
17 जून 2025 को नक्सलियों ने बीजापुर जिले के एक गांव में 3 ग्रामीणों की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इनमें एक 13 साल का 7वीं और दूसरा 20 साल का कॉलेज का छात्र और तीसरा ग्रामीण युवक शामिल है। पूरा मामला पेद्दाकोरमा गांव का है।
नक्सली गांव के 10 से ज्यादा लड़कों को बंधक बनाकर अपने साथ लेकर गए। हालांकि, उनकी बेदम पिटाई करने के बाद उन्हें छोड़ दिया। पुलिस के एक्शन से बौखलाए नक्सली अब स्कूल और कॉलेज के बच्चों का कत्ल कर रहे हैं।
सरेंडर नक्सली के रिश्तेदारों की हत्या
दरअसल, ये सभी ग्रामीण DVCM कैडर के सरेंडर नक्सली दिनेश मोड़ियम के रिश्तेदार हैं। नक्सलियों ने आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने उसे सरेंडर करने के लिए उकसाया, उससे पैसे लिए। इसी वजह से इनकी हत्या कर मौत की सजा दे दी।
70 से 80 की संख्या में पहुंचे थे नक्सली
गांववालों का कहना था कि 17 जून की शाम करीब 70 से 80 की संख्या में हथियार बंद नक्सली पहुंचे थे। उन्होंने छात्र सोमा मोड़ियाम (20), अनिल माड़वी (13) समेत एक अन्य ग्रामीण को घर से उठा लिया था।सोमा इसी साल 12वीं पास कर कॉलेज में दाखिल हुआ था, जबकि अनिल 7वीं का छात्र था।
सोमा सरकारी नौकरी की तैयारी में भी जुटा हुआ था। सोमा के परिजनों ने उसके दस्तावेज दिखाए, जिसमें आबकारी निरीक्षक की भर्ती का आवेदन से लेकर NCC सर्टिफिकेट और दसवीं, बारहवीं की अंकसूचियां शामिल थी।
डॉक्टर बनना चाहता था अनिल
अनिल के परिजनों ने बस इतना कहा कि, वह फिलहाल 7वीं में पढ़ाई कर रहा था। बड़ा होकर MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहता था। नक्सलियों ने तीनों ग्रामीणों के हाथ को पहले रस्सी से बांधा, फिर परिवार और गांव वालों के सामने रस्सी से गला घोंटकर मार डाला।
दहशत में ग्रामीण
3 लोगों की हत्या करने के बाद 10 से ज्यादा लड़कों को अपने साथ लेकर चले गए थे। उन लड़कों की रात में बेदम पिटाई किए। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिए। गांव में इतनी दहशत है कि कोई भी ग्रामीण कैमरे के सामने घटना को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था।