सीजी भास्कर, 30 जुलाई |
बिलासपुर – ज़िले में स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में लापरवाही को लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बड़ा एक्शन लिया है। लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर उन्होंने चार विकासखंडों के ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (BEO) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम तब उठाया गया जब ID और पासवर्ड मिलने के एक हफ्ते बाद भी संकुल समन्वयकों द्वारा आवेदन आगे नहीं बढ़ाए गए।
फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा में सख्ती
कलेक्टर अग्रवाल ने मंगलवार को हुई साप्ताहिक टीएल बैठक के दौरान शासन की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने खासतौर पर शिक्षा, कृषि और पर्यावरण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति पर गहरी नजर डाली और अधिकारियों को जिम्मेदारी निभाने की सख्त हिदायत दी।
समितियों में खाद सप्लाई पर कलेक्टर का फोकस
बैठक के दौरान कलेक्टर ने खाद की उपलब्धता पर भी चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक सहकारी समिति में दैनिक समीक्षा होनी चाहिए और जहां कमी है, वहां तत्काल खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
तखतपुर और सकरी समितियों में यूरिया खाद की तुरंत सप्लाई के आदेश भी जारी किए गए।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान पर विशेष जोर
पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ के अंतर्गत लगाए गए पौधों की सुरक्षा और देखरेख पर भी कलेक्टर ने बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक पेड़ पर्याप्त रूप से विकसित न हो जाएं, तब तक उनकी निगरानी और सुरक्षा जरूरी है।
आवारा मवेशियों पर सख्ती की तैयारी
कलेक्टर ने पशु चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए कि शहर और गांवों में घूम रहे आवारा मवेशियों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार की जाए। इसके आधार पर स्थानीय पशुपालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, प्रत्येक ब्लॉक में दो पशु आश्रय स्थलों के निर्माण की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।
महिला समूहों को मिलेगा फलदार पौधों का जिम्मा
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि जिले में लगाए गए फलदार पौधों की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी जाए। इससे ना सिर्फ पौधों की देखभाल बेहतर होगी, बल्कि भविष्य में इनसे मिलने वाले फलों से समूहों की आय में भी इज़ाफा हो सकेगा।