सीजी भास्कर, 15 मई। आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने ट्राइबल म्यूजियम बनाकर आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और उनकी जीवनशैली को आमजन तक पहुँचाने के लिए अभिनव पहल की है। इसके लिए नवा रायपुर अटल नगर में करीब 10 एकड़ क्षेत्र में भव्य एवं आकर्षक आदिवासी संग्रहालय (ट्राइबल म्यूजियम) बनाया गया है। राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (New Hostel Superintendents Appointed) ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माता तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, अटल जी ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य बनाया। अटल जी के कार्यकाल में ही जनजाति विकास के लिए केन्द्र सरकार में आदिम जनजाति कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। वहीं यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान और विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लिए पीएम जनमन योजना लागू किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पहचान हमारी सुंदर जनजातीय संस्कृति से है। छत्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति में विविधता है और हर जनजातीय समुदाय की अपनी विशिष्ट पहचान है। प्रदेश 43 जनजातीय समुदाय हैं और इनकी अनेकों उपजातियाँ हैं। इसके साथ ही हमारे राज्य में विशेष पिछड़ी जनजातियाँ भी हैं। जनजातीय समुदाय का सुंदर संसार, इनका खानपान, पहनावा, संगीत, लोककला, वाद्ययंत्र, नृत्य इन सबकी झलक म्यूजियम में दिखेगी। इसमें 14 गैलरी हैं और हर गैलरी एक विशेष थीम पर बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय न केवल आदिवासी समाज की परंपराओं, कला और संस्कृति को संरक्षित करेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जनजातीय समुदायों की जीवनशैली, वेशभूषा, लोककला, रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं को दृश्य और डिजिटल माध्यमों से दर्शाया गया है। इस म्यूजियम में हमारे जनजातीय क्षेत्रों की बहुरंगी संस्कृति की झलक दिखाई गई है। यह झलक दर्शकों को इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि वे बस्तर और सरगुजा घूमने जाएं और जिन चीजों को उन्होंने इस म्यूजियम में महसूस किया है उसे वहां प्रत्यक्ष रूप में देख सकें।
14 गैलरियों में दिखेगी जनजातीय संस्कृति (New Hostel Superintendents Appointed)
गौरतलब है कि जनजातीय संग्रहालय में कुल 14 गैलरियां हैं, जिनमें जनजातीय जीवनशैली के सभी पहलुओं का बहुत ही खूबसूरत ढ़ंग से जीवंत प्रदर्शन किया गया है। इनमें जनजातियों के भौगोलिक विवरण, तीज-त्यौहार, पर्व-महोत्सव तथा विशिष्ट संस्कृति, आवास एवं घरेलू उपकरण, शिकार उपकरण, वस्त्र (परिधान) एवं आभूषण, कृषि तकनीक एवं उपकरणों, जनजातीय नृत्य, जनजातीय वाद्ययंत्रों, आग जलाने, लौह निर्माण, रस्सी निर्माण, फसल मिंजाई (पौधों से बीज अलग करना), कत्था निर्माण, चिवड़ा-लाई निर्माण, मंद आसवन, अन्न कुटाई व पिसाई, तेल प्रसंस्करण हेतु उपयोग में लाने जाने वाले उपकरणो व परंपरागत तकनीकों, को दर्शाया गया हैं।
वहीं सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत अबुझमाड़िया में गोटुल, भुंजिया जनजाति में लाल बंगला इत्यादि, जनजातीय में परम्परागत कला कौशल जैसे बांसकला, काष्ठकला, चित्रकारी, गोदनाकला, शिल्पकला आदि का एवं अंतिम गैलरी में विषेष रूप से कमजोर जनजाति समूह यथा अबूझमाड़िया, बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर एवं राज्य शासन द्वारा मान्य भुंजिया एवं पण्डो के विशेषीकृत पहलुओं का प्रदर्शन किया गया है। संग्रहालय में डिजिटल एवं एआई तकनीक के माध्यम से जनजातीय संस्कृति का भी प्रदर्शन किया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही सम्बंधित झांकी की सम्पूर्ण जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी।
कथानक समिति के सदस्यों का सम्मान (New Hostel Superintendents Appointed)
ट्राइबल म्यूजियम बनाने में सहायक रहे विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों एवं समाज के पदाधिकारियों का सम्मान भी मुख्यमंत्री के हाथों मंच से किया गया। ट्राइबल म्यूजियम में कथानक समिति में पंडित रविशंकर शुक्ल विवि. में मानव विज्ञान अध्ययनशाला के प्रो. (डॉ.) अशोक प्रधान, शासकीय गुंडाधूर महाविद्यालय की डॉ. किरण नुरुटी, कंवर समाज के प्रतिनिधि गंगाराम पैंकरा, बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ईतवारी राम मछिया बैगा, बिंझवार समाज के प्रदेश अध्यक्ष बेदराम बरिहा, हल्बा समाज के अध्यक्ष लतेल राम नाईक, मुरिया समाज के जिला अध्यक्ष धनीराम सोरी एवं राजगोंड समाज के जिला अध्यक्ष तुलाराम ठाकुर को सम्मानित किया गया।
नियुक्ति पत्र मिलने पर खिले चेहरे (New Hostel Superintendents Appointed)
राज्य सरकार ने बीते दिनों व्यापम के माध्यम से छात्रावास अधीक्षकों के 300 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की। इसमें नवचयनित छात्रावास अधीक्षकों को नियुक्ति पत्र सह पदस्थापना पत्र सौंपा गया। कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से 11 छात्रावास अधीक्षकों को मंच पर आमंत्रित कर मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति (New Hostel Superintendents Appointed) पत्र प्रदान किया गया।