केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari Statement) ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान इथेनॉल को लेकर उठे विवाद पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह दलाल नहीं हैं और न ही यह सब पैसे कमाने के लिए कर रहे हैं। गडकरी ने दावा किया— “मेरा दिमाग हर महीने 200 करोड़ रुपये कमाता है, मुझे पैसों की कोई कमी नहीं।”
इथेनॉल विवाद और सुप्रीम कोर्ट का जिक्र
पिछले कुछ महीनों में इथेनॉल (Ethanol Policy) को लेकर देशभर में बहस छिड़ी। कई लोगों का आरोप था कि इथेनॉल के कारण वाहन खराब हो रहे हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने आरोपों को खारिज कर दिया। गडकरी (Nitin Gadkari Statement) ने कहा कि पूरा विवाद सोशल मीडिया की अफवाहों से उपजा और यह किसानों के हित में किए गए प्रयोगों को गलत साबित करने की कोशिश थी।
किसानों के लिए काम, पैसे के लिए नहीं
गडकरी ने कहा, “आपको लगता है मैं ये सब पैसे के लिए करता हूं? मैं कोई संत नहीं हूं, लेकिन मेरे लिए किसानों का भला सबसे बड़ा धर्म है।” उन्होंने जोड़ा कि विदर्भ में हजारों किसानों की आत्महत्या देश के लिए शर्मनाक है और वह तब तक नहीं रुकेंगे जब तक किसान समृद्ध नहीं हो जाते।
परिवार और बेटे के बिजनेस पर खुलकर बोले
कार्यक्रम में गडकरी ने अपने बेटे के बिजनेस Nitin Gadkari Statement को लेकर भी बातें कीं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा आयात-निर्यात का बड़ा काम करता है। हाल ही में उसने ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगवाए और भारत से 1,000 कंटेनर केले भेजे। इसके अलावा गोवा से 300 कंटेनर मछली लेकर सर्बिया भेजी और ऑस्ट्रेलिया में मिल्क पाउडर की फैक्ट्री भी लगाई है।
गडकरी ने कहा कि उनका बेटा ITC के साथ मिलकर 26 चावल मिलें भी चला रहा है। “मुझे पांच लाख टन चावल के आटे की जरूरत होती है, इसलिए वह मिलें चलाता है और मैं उससे आटा खरीदता हूं।”
“मैं दलाल नहीं, ईमानदारी से कमाना जानता हूं”
गडकरी ने अपने बयान में साफ किया कि उनका मकसद किसानों को फायदा पहुंचाना है, न कि अपने परिवार को। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा बिजनेस करता है, लेकिन मेरा काम राजनीति और किसानों के हित के लिए है। मैं कोई दलाल नहीं हूं, मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं।”
राजनीति और पिछड़ेपन पर चेतावनी
गडकरी ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि राजनीतिक दल अक्सर लोगों को जाति और पिछड़ेपन के नाम पर बांटते हैं। उन्होंने चेताया कि पिछड़ापन अब राजनीतिक स्वार्थ का हिस्सा बन चुका है और इससे देश को बड़ा नुकसान हो रहा है।
विवाद और राजनीति के बीच किसानों की चिंता
गडकरी का यह बयान इसलिए चर्चा में है क्योंकि इथेनॉल विवाद (Ethanol Controversy) के दौरान उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने बेटे के बिजनेस को फायदा पहुंचाने के लिए नीतियां बनाई। लेकिन गडकरी ने साफ कर दिया कि उनका बेटा पहले से बड़े स्तर पर कारोबार करता है और किसानों के हित में लिए गए फैसले किसी लालच का हिस्सा नहीं हैं।