रायपुर , 20 मार्च 2025 :
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने NIT रायपुर के संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। जस्टिस एके प्रसाद ने 40 कर्मचारियों को 4 महीने के भीतर नियमित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना है कि याचिकाकर्ताओं को नौकरी करते हुए 10 से लेकर 16 साल हो गया है। ऐसे में उनका अनुभव पर्याप्त है। वो जिस पद पर काम रहे हैं उस पर उनको रेगुलर किया जाए।
याचिकाकर्ता नीलिमा यादव, रश्मि नागपाल व 40 अन्य कर्मचारियों ने मिलकर एडवोकेट दीपाली पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने अपनी सेवाएं नियमित करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सभी एनआईटी रायपुर में संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं।
10 साल से ज्यादा का अनुभव पर्याप्त
नियुक्ति से पहले विधिवत विज्ञापन जारी किया गया था। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संस्थान ने इंटरव्यू लिया, और मेरिट के आधार पर उन्हें नियुक्ति दी गई थी। याचिका के अनुसार जिस पद पर काम कर रहे हैं शैक्षणिक योग्यता के साथ ही पर्याप्त अनुभव भी रखते हैं, और सभी कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्य करते 10 साल से अधिक का समय हो गया है। लिहाजा पर्याप्त अनुभव भी उनके पास है।
NIT के वकील ने नियमों का दिया हवाला
इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश स्टेट ऑफ कर्नाटक विरुद्ध उमा देवी, स्टेट ऑफ कर्नाटक विरुद्ध एमएल केसरी, विनोद कुमार और अन्य विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया, स्टेट ऑफ उड़ीसा विरुद्ध मनोज कुमार प्रधान, श्रीपाल और अन्य विरुद्ध नगर निगम गाजियाबाद जैसे केस का हवाला दिया। लेकिन, इस आधार पर NIT के अधिवक्ता ने नियमितीकरण के लिए नियम नहीं होने की बात कही।
हाईकोर्ट ने कहा- 4 महीने के अंदर किया जाए नियमितीकरण
वहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को कार्य करते 10 से लेकर 16 साल तक का समय हो चुका है। ऐसे में जो कर्मचारी जिस पद पर पहले से ही काम कर रहे हैं, उन्हें उसी पद पर नियमित किया जा सकता है। कोर्ट ने NIT को याचिकाकर्ताओं को 4 महीने के भीतर नियमित करने का आदेश दिया है।