सीजी भास्कर 24 अगस्त। भारत अब सिर्फ एशिया नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति का अहम केंद्र बन चुका है। जहां एक ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की पुष्टि हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की भी जल्द ही भारत आ सकते हैं।
यह ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी हुई है और इसके बावजूद भारत अपनी शर्तों पर मजबूती से डटा हुआ है।
पीएम मोदी ने दिया जेलेंस्की को न्योता
दिल्ली में कुतुब मीनार को यूक्रेन के झंडे के रंगों से रोशन कर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या मनाई गई। इसी दौरान यूक्रेन के राजदूत ऑलेक्जेंडर पोलिशचुक ने कहा कि भारत-यूक्रेन रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया है और दोनों देशों के बीच तारीख तय करने की बातचीत चल रही है।
राजदूत के मुताबिक, जेलेंस्की का भारत दौरा दोनों देशों के लिए रणनीतिक साझेदारी की दिशा में बड़ी उपलब्धि साबित होगा।
साल के अंत में पुतिन का भारत दौरा
कुछ सप्ताह पहले एनएसए अजीत डोभाल ने पुष्टि की थी कि पुतिन इस साल के अंत में भारत आएंगे। हालांकि, रूसी एजेंसी इंटरफैक्स ने अपनी रिपोर्ट संशोधित करते हुए कहा कि यात्रा 2025 के अंत में हो सकती है।
पुतिन का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत की तेल खरीद पर नाराजगी जताते हुए भारत पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया है। इस पर भारत ने साफ कहा है कि यह फैसला अनुचित और तर्कहीन है।
“पीछे नहीं हटेगा भारत” – जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को दो टूक कहा कि भारत किसी भी व्यापार समझौते में किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी शर्तों से पीछे नहीं हटेगा, चाहे अमेरिका कितना भी दबाव क्यों न बनाए।
जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों के सामने फिलहाल तीन बड़ी चुनौतियां हैं:
- ट्रेड और टैरिफ विवाद
- रूस से तेल की खरीद
- पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी दखल
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति का तरीका अब तक के सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों से अलग है और पूरी दुनिया इसे महसूस कर रही है।