सीजी भास्कर 10 अगस्त
नई दिल्ली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए 10वीं और 12वीं की आंसर-शीट्स की जांच पूरी तरह डिजिटल करने का फैसला लिया है। इस प्रोजेक्ट पर 28 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे एक या एक से अधिक अनुभवी एजेंसियों को सौंपा जाएगा।
डिजिटल मूल्यांकन क्यों?
सीबीएसई का मानना है कि डिजिटल जांच से:
- परिणाम आने का समय घटेगा
- मूल्यांकन में सटीकता बढ़ेगी
- क्षेत्रीय असमानताओं को खत्म किया जा सकेगा
पहले भी बोर्ड ने 2014 और 2015 में सीमित स्तर पर डिजिटल मूल्यांकन का प्रयोग किया था, जो सफल रहा।
एजेंसियों का चयन
- केवल वही एजेंसियां चुनी जाएंगी जिनके पास बोर्ड, विश्वविद्यालय या सरकारी परीक्षा संस्थानों के डिजिटल मूल्यांकन का अनुभव हो।
- आंसर-शीट जांच प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय और पारदर्शी होगी।
28 करोड़ रुपये का निवेश
सीबीएसई के मुताबिक, इस मेगा प्रोजेक्ट पर 28 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कई विश्वविद्यालय पहले से डिजिटल जांच कर रहे हैं और उनके नतीजे सकारात्मक रहे हैं।
2026 से ‘ओपन-बुक’ परीक्षा
सीबीएसई ने 2026-27 शैक्षणिक सत्र से 9वीं कक्षा में ओपन-बुक मूल्यांकन की मंजूरी भी दे दी है।
- शामिल विषय: गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान
- उद्देश्य: रटने की बजाय समझ और विश्लेषण क्षमता का आकलन
- यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत होगा।
छात्रों और अभिभावकों के लिए इसका मतलब
- रिजल्ट जल्दी और ज्यादा सटीक आएंगे।
- क्षेत्रीय मूल्यांकन के फर्क को खत्म करने में मदद मिलेगी।
- 9वीं के छात्र अब किताब खुली रखकर सवाल हल कर सकेंगे, जिससे क्रिटिकल थिंकिंग बढ़ेगी।