सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। गरीबों के हक के चावल की हेराफेरी मामले को लेकर दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कड़े एक्शन लिए हैं। उन्होंने गड़बड़ी करने वाले राइस मिल संचालकों और कोचियों पर नकेल कसने और सख्त कार्रवाई के लिए 15 सदस्यीय जांच टीम भी गठित की है। टीम को साफ निर्देश है कि जांच कर गड़बड़ी पाए जाने पर सख्ती से कार्रवाई करे और जहां गड़बड़ी पाई गई उस दुकान की मान्यता को भी तत्काल समाप्त करें।
आपको बता दें कि दुर्ग जिले में करोड़ों रुपए की हो रही पीडीएस चावल की हेराफेरी की जांच अब तीन बड़े क्षेत्रों में शुरू होगी जिसमें दुर्ग अनुविभाग, भिलाई-छावनी और भिलाई तीन को शामिल किया गया है। हर जोन की टीम में पांच अधिकारी हैं, जिसमें दुर्ग अनुविभागीय अधिकारी, संबंधित क्षेत्र के सहायक खाद्य अधिकारी, संबंधित जोन कमिश्नर, खाद्य निरीक्षक और क्वालिटी इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह 15 सदस्यीय टीम अब चावल की कालाबाजारी करने वालों पर बहुत जल्द नकेल कसेगी।खबर यह भी है कि जैसे ही टीम का गठन हुआ भिलाई के खुर्सीपार क्षेत्र के चावल दलाल को इसकी भनक लग गई। उसने पहले ही अपने सहयोगियों को अलर्ट कर दिया है। जितने भी गोदाम हैं, उसे खाली करने के लिए कह दिया गया है ताकि टीम आई तो गोदाम में खाली मिले।
गौरतलब हो कि भिलाई के सुपेला, छावनी, कैंप एरिया, खुर्सीपार, टाउनशिप और दुर्ग अनुविभाग में पीडीएस चावल की कालाबाजारी करने वालों की बड़ी गैंग काम कर रही है। कस्टम मिलिंग कर राईस मिलर्स नान के गोदाम में चावल भेजते हैं। राशन दुकान पहुंचने के बाद चावल माफिया अलग अलग दुकानों से तीन पहिया आटो में बोरियां ढक कर अपने पंटरों से गोदाम मंगवाते हैं और बोरियां बदल कर पीडीएस चावल फिर राइस मिल में पहुंच जाता है। राइस मिलर उसी चावल को फिर नान के गोदाम में जमा कर देता है और इसी तरह हेराफेरी का चक्र चलते रहता है।
ऐसा नहीं है कि पीडीएस चावल की यह हेराफेरी पकड़ी नहीं जाती, कई बार भिलाई के सुपेला, कैंप, पावर हाऊस, कोहका, हाऊसिंग बोर्ड, कुरूद सहित अन्य जगहों पर लोगों ने गाड़ियां रूकवा कर पुलिस को खबर की लेकिन पुलिस इस मामले में सीधे हस्तक्षेप न कर पाने की वजह से खाद्य अधिकारियों को खबर कर बुलवाती है, सैंपल ले जांच के लिए भेजा भी जाता है लेकिन इस प्रक्रिया में भी क्लिष्टता होने से कार्रवाई न के बराबर हो जाती है नतीजतन पीडीएस चावल माफियाओं का वर्षों से इन क्षेत्रों में बोलबाला रहा है और लगातार पीडीएस का चावल हेराफेरी कर माफिया लाल होते रहे हैं।
कई मामले में एफआईआर दर्ज न करवा कर चावल को राजसात कर खाद्य विभाग के अधिकारियों ने खानापूर्ति भी कर ली है।अब टीम राशन दुकानों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की एक महीने का बैकअप लेकर उसकी जांच करेगी ताकि यह पता लग सके कि किस दुकान से पीडीएस चावल कोचिए लोड करते हैं।
खबर यह भी है कि यहां चावल की दलाली करने वाले बड़े गैंग हर क्षेत्र में अपनी पहुंच बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि कई माफिया सीधे फूड कंट्रोलर तक अपनी पैठ बनाकर दुकानों की शिकायत करवाते हैं और इसके बाद कंट्रोलर से दुकानों को अपने लोगों के नाम दुकान अटैच कराते रहे हैं और फिर धड़ल्ले से चावल की हेराफेरी हुई है और गरीबों के हक पर डाका डाल लगातार शासन को चपत लगाई जाती रही है। पीडीएस चावल की हेराफेरी रोकने कलेक्टर द्वारा बनाई गई टीम गहनता से मामले की जांच करती है तो बहुत जल्द कई चावल माफिया और उनकी गैंग बेपर्दा होगी जो वर्षों से इस काले कारोबार में संलिप्त रहे हैं।