कानपुर , 19 जून 2025 :
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले एक हफ्ते से चल रहे डीएम और सीएमओ के विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया. शासन ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को सस्पेंड कर दिया और मुख्यालय से अटैच कर दिया है. कानपुर में नए सीएमओ डॉ उदय नाथ को नियुक्त किया गया है. डीएम और सीएमओ के विवाद में कई जनप्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप किया. लेकिन अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी के आगे किसी की भी नहीं चली. अभिजीत सांगा ने स्वास्थ्य विभाग में चल रही गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था.
कानपुर में स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर, फर्जी अस्पताल और भ्रष्टाचार विभाग के दावों की हर रोज पोल खोलते नजर आते हैं. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कई बार अस्पतालों में छापा मारा और कार्यवाही भी की. इसके बावजूद जब स्थिति नहीं सुधरी तो उन्होंने अनियमिताएं, लापरवाही समेत अनेक कारणों के आधार पर सीएमओ हरिदत्त नेमी को कानपुर से हटाने की सिफारिश शासन से कर दी.
वायरल हुए थे कई ऑडियो
इसके बाद सोशल मीडिया पर सीएमओ के कई ऑडियो वायरल हुए जिसमें डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थी. इसके अलावा अल्ट्रासाउंट सेंटर को अनुमोदित करने के रेट, पैसे कमाने के तरीके जैसी बातें की गई थी. हालांकि सीएमओ हरिदत्त नेमी ने बताया कि यह ऑडियो उनके नहीं हैं. इसके बाद डैशबोर्ड की बैठक से डीएम ने सीएमओ को जाने को भी बोल दिया.
CMO को हटाने के लिए DM ने लिखा था पत्र
इस पूरे मामले में तीन-तीन जन प्रतिनिधियों की एंट्री भी हो गई है. एक तरफ जहां डीएम ने सीएमओ को हटाने की संस्तुति शासन से की तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने डिप्टी सीएम को पत्र लिखा. जिसमें कहा गया कि सीएमओ हरिदत्त नेमी को कानपुर में ही बनाए रखा जाए. अपने पत्र में उन्होंने सीएमओ को मृदभाषी और व्यवहार कुशल बताया. वहीं भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने सीएमओ के खिलाफ सीएम को पत्र लिखा. सांगा ने सीएमओ की जांच करवाने की बात भी कही है.
CMO को किया गया सस्पेंड
अब इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया है. सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी को सस्पेंड कर दिया गया और मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. इसके अलावा श्रावस्ती से डॉ उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ बनाया गया है. शहर में यह चर्चा भी है कि अभी इस मामले में और भी बहुत कुछ होना बाकी है.