दिल्ली , 10 अप्रैल 2025 :
Delhi Police Arrests IT Professional: दिल्ली साइबर क्राइम सेल ने हैदराबाद के एक आईटी पेशेवर को गिरफ्तार किया है. इस पर आरोप है कि इसने एक छात्रा की निजी तस्वीरों को इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट के जरिए वायरल किया. इसने मोर्फ्ड तस्वीरें और अश्लील वीडियो बनाकर लड़की को बदनाम करने की कोशिश की. इससे न सिर्फ पीड़िता की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई, बल्कि उसे आत्महत्या के कगार तक पहुंचा दिया.
पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने बताया कि पिछले छह महीनों से उसके नाम से बनाए गए फर्जी ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर उसके चेहरे को अश्लील वीडियोज में पेस्ट किया जा रहा था. आरोपी ने उसके मोबाइल नंबर और पते को भी लीक कर दिया, जिसके बाद उसे अजनबियों से अश्लील कॉल्स और धमकी भरे मैसेज मिलने लगे.
पीड़िता का मानसिक उत्पीड़न
इसके बाद पीड़िता ने खुद को चारदीवारी में कैद कर लिया था. कॉलेज जाना बंद कर दिया. इससे न केवल उसकी छवि को नुकसान पहुंचा, बल्कि उसे मानसिक उत्पीड़न और निजता के उल्लंघन का भी सामना करना पड़ा.
आईपी एड्रेस से आरोपी की हुई पहचान
मामला सामने आते ही दिल्ली पुलिस की साइबर विंग ने राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक लैब (NCFL) के साथ मिलकर डिजिटल फुटप्रिंट्स ट्रैक किए. आरोपी ने वीपीएन और डार्क वेब का इस्तेमाल किया था, लेकिन एक गलती उसने पीड़िता के निजी व्हाट्सएप चैट्स को हैक करते समय अपना असली आईपी एड्रेस छोड़ दिया. आरोपी की पहचान दिल्ली के हरिनगर का रहने वाला दिवांशु के रूप में हुई है.
पीड़िता का पड़ोसी रह चुका था आरोपी
आरोपी ने कबूला कि वह पीड़िता का पड़ोसी रह चुका था और उससे रिश्ता टूटने के बाद सबक सिखाने की मंशा से यह सब किया. उसके लैपटॉप से 700 से अधिक मोर्फ की गई तस्वीरें और 12 वीडियो बरामद हुए, जिन्हें वह डार्क वेब पर बेचने की योजना बना रहा था.
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
आरोपी पर आईटी एक्ट की धारा 66E (प्राइवेसी का उल्लंघन), 67 (अश्लील सामग्री प्रसारित करना), और फ़ौजदारी धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज हुआ. पुलिस कमिश्नर ने कहा, “यह मामला साइबर स्टॉकिंग और टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग की चरम सीमा है. हम पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए AI-आधारित टूल्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.”