धमतरी (छत्तीसगढ़): गुमशुदा लोगों की तलाश में धमतरी पुलिस द्वारा चलाए गए विशेष अभियान ‘ऑपरेशन तलाश’ ने 52 बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाकर एक मिसाल कायम की है। ये ऑपरेशन न सिर्फ तकनीकी दक्षता का उदाहरण बना, बल्कि मानवता और संवेदना का भी सशक्त प्रमाण रहा। परिजनों की आंखों में आंसू थे, लेकिन इस बार ये आंसू खुशी के थे।
30 दिन में 52 गुमशुदा मिले वापस
धमतरी पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार के निर्देशन में 1 जून से 30 जून तक ‘ऑपरेशन तलाश’ चलाया गया। इस विशेष अभियान के तहत जिलेभर के थानों को सक्रिय किया गया और उनके बीच प्रतिस्पर्धा भी रखी गई, ताकि खोज कार्य में तेज़ी लाई जा सके। नतीजा यह रहा कि 37 महिलाएं, 10 पुरुष और 5 नाबालिग बालिकाएं सुरक्षित रूप से ढूंढ निकाली गईं।
कोतवाली थाना बना टॉप परफॉर्मर
इस अभियान में कोतवाली थाना ने सबसे अधिक 10 गुमशुदा व्यक्तियों को खोज निकाला और प्रथम स्थान प्राप्त किया। भखारा थाना (10 गुमशुदा) और कुरूद थाना (9 गुमशुदा) दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। बाकी 23 गुमशुदा व्यक्तियों को अन्य थाना क्षेत्रों ने तलाशा।
तकनीक और संवेदना का समन्वय
इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया इनपुट, कॉल डिटेल एनालिसिस, और मानव खुफिया सूचना का इस्तेमाल किया। इसके अलावा कई मामलों में पुलिस टीमों को दूसरे जिलों और राज्यों तक जाकर पतासाजी करनी पड़ी।
क्यों छोड़ गए थे लोग अपना घर?
- इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बनी दोस्ती के चक्कर में घर छोड़ने वाली महिलाएं।
- कुछ युवतियां झूठे विवाह प्रस्ताव में फंस गई थीं।
- मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग भी भटकते पाए गए।
- पारिवारिक कलह या डांट-फटकार के कारण कई लोग घर छोड़ कर चले गए थे।
पुलिस पर विश्वास और भी मजबूत
इस ऑपरेशन के सफल निष्कर्ष के बाद आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। पुलिस अधीक्षक परिहार ने सभी थाना प्रभारियों और टीमों को बधाई दी और भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक सरोकार वाले कार्यों में पुलिस की सक्रियता का आश्वासन दिया।