28 मई 2025 :
Padmashri award in uttarakhand: मंगलवार के दिन उत्तराखंड की तीन बड़ी हस्तियों को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया. मंगलवार के दिन देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों से देश की कुछ चुनिंदा हस्तियों को सम्मानित किया, इस मौके पर उत्तराखंड की समाज सेविका राधा भट्ट को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में साथ ही ह्यूग गैंट्जर और उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्जर को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उत्तराखंड की इन तीन महान हस्तियों ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है.
बता दें कि राधा भट्ट का जीवन समाज सेवा और ग्रामीण उत्थान को समर्पित रहा है. उन्होंने महज 16 वर्ष की उम्र मे सरला बेन के आश्रम से जुड़ कर समाज सेवा का काम शुरू किया था. सरला बेन, जिनका असली नाम कैथरीन मेरी हिलमैन था, वो गांधीवादी विचारों की समर्थक रही और उन्होंने उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में महिलाओं और उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी कार्य किए. राधा भट्ट ने भी उन्हीं के आदर्शों को अपने जीवन में उतारा और उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों की भलाई के लिए कार्य किया.
राधा भट्ट ने स्वराज्य मंडल की स्थापना की
राधा भट्ट ने उत्तराखंड के बेरीनाग ग्राम में स्वराज्य मंडल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास के कार्यक्रमों को ग्रामीण स्तर पर लागू करना था. सन 1975 में जब देश में पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिपको आंदोलन चला, तो राधा भट्ट ने उसमें अपनी सक्रिय रूप से भूमिका निभाई. पेड़ों की रक्षा के लिए महिलाओं द्वारा चलाए गए, इस अहिंसक आंदोलन ने विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की एक नई सोच पैदा की जिसके चलते आज भी उस आंदोलन को याद किया जाता है.
राधा भट्ट को उनके कामों के लिए पहले भी सम्मानित किया जाता रहा है. उनको अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं. जिनमें जमनालाल बजाज पुरस्कार, गोदावरी पुरस्कार, भारत सरकार का इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार, मुनि संतबल पुरस्कार और स्वामी राम मानवतावादी पुरस्कार शामिल है. आज पद्मश्री सम्मान उनके वर्षों के सामाजिक योगदान का एक और महत्वपूर्ण प्रमाण है. साथ ही उत्तराखंड के लिए भी ये सम्मान की बात है.
कोलीन गैंट्जर को मरणोपरांत मिला पद्मश्री
वही उत्तराखंड के ह्यूग गैंट्जर और उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्जर का नाम यात्रा लेखन की दुनिया में बेहद सम्मान से लिया जाता है. ह्यूग भारतीय नौसेना में कमांडर पद पर कार्यरत रहे और सेवानिवृत्ति के बाद लेखन को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया. उनकी पत्नी कोलीन भी उनके साथ लेखन कार्य में जुड़ी रही उन्होंने भी कई किताबें लिखी.
उत्तराखंड के गैंट्जर दंपती ने मिलकर यात्रा वृतांत लेखन की एक विशिष्ट शैली विकसित की, उन्होंने भारत के कई क्षेत्रों, विशेष रूप से उत्तराखंड के संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य को अपने लेखों और पुस्तकों में बारीकी से उजागर किया. उन्होंने अपने जीवन काल में 3,000 से अधिक लेख लिखे साथ ही कॉलम और पत्रिका फीचर लिखने के साथ 30 से अधिक किताबें भी लिखी है. उनके लेखों में पढ़ने वालों को न केवल स्थानों की जानकारी मिलती है, बल्कि वहां की आत्मा को भी महसूस किया जा सकता है. बता दें कि कोलीन गैंट्जर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया है, जो कि उनके साथ साथ उत्तराखंड के लिए भी गौरव की बात है.
बता दें कि राधा भट्ट और गैंट्जर दंपती का पद्मश्री से सम्मानित होना उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है. इन महान विभूतियों के कार्य न केवल राज्य के गौरव को बढ़ाते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा भी देते हैं कि समर्पण, सेवा और सृजन के रास्ते पर चलकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इन सभी को बधाई दी है.