इस्लामाबाद | 28 जून 2025
पाकिस्तान एक बार फिर आतंक के साये में कांप उठा है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नॉर्थ वजीरिस्तान में शनिवार को एक भीषण आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के 13 जवान मारे गए जबकि 10 से अधिक जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और पिछले एक दशक से आतंकी गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है।
विस्फोटकों से भरी गाड़ी ने काफिले को बनाया निशाना
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला उस वक्त हुआ जब सेना का काफिला नॉर्थ वजीरिस्तान से गुजर रहा था। अचानक एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार को सैन्य काफिले में घुसाकर ज़ोरदार धमाका कर दिया। धमाके की आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई।
सेना सूत्रों के मुताबिक, कई जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें नजदीकी सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन भी शुरू कर दिया गया है।
हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली, शक TTP पर
अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शक की सुई तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और इससे जुड़े गुटों पर जा रही है। नॉर्थ वजीरिस्तान, खैबर एजेंसी, और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में टीटीपी पहले भी कई बार ऐसे हमले कर चुकी है।
पाकिस्तान बना दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आतंकी प्रभावित देश
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के अनुसार:
- पाकिस्तान में 2023 में 748 लोगों की जान गई थी आतंकी हमलों में।
- 2024 में यह आंकड़ा 1,081 पहुंच गया — यानी 45% की बढ़ोतरी।
- इस बढ़ोतरी ने पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक से प्रभावित देश बना दिया है।
रिपोर्ट बताती है कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाके अब चरमपंथी नेटवर्क्स के गढ़ बन चुके हैं। यहां सेना और आम नागरिक दोनों लगातार आतंकी निशाने पर हैं।