03 अप्रैल 2025 :
Waqf Amendment Bill 2025: लोकसभा में 12 घंटे से ज्यादा चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया. वोटिंग के दौरान विपक्ष के सांसदों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को खारिज कर दिया गया. इस बिल को पास करने के लिए 272 वोटों की जरूरत थी, जबकि 288 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट दिया और 232 सांसदों ने विरोध किया. इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने 2 अप्रैल 2025 बुधवार को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था.
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध किया. इस दौरान उन्होंने मसौदे की कॉपी फाड़ दी. इस बिल के विरोध में वो काली पट्टी भी बांधे हुए नजर आए. इसको लेकर पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारतीय पत्रकार अदिति त्यागी से सवाल किया.
ओवैसी को लेकर अदिति त्यागी ने कही ये बात
पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारतीय पत्रकार अदिति त्यागी से सवाल किया, “आपके यहां जो मुस्लिम लोग हैं, खासकर ओवैसी साहब और उनके लोग वे काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं. वक्फ बोर्ड की तरफ से भी विरोध किया जा रहा है. ये सब क्या हो रहा है?”
उनके सवाल का जवाब देते हुए अदिति त्यागी ने उनसे सवाल करते हुए कहा क्या आप के यहां वक्फ बोर्ड हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए आरजू काजमी ने कहा कि हमारे यहां इस तरह का कोई सिस्टम नहीं है हमारे यहां इसे औकाफ के नाम से जाना जाता है, लेकिन यह आपके वक्फ बोर्ड जैसा नहीं है. इस पर अदिति ने कहा, “मैंने आपसे जो सवाल पूछा, वह इस पूरे मामले को एक अलग नजरिए से समझाने के लिए था. आपने ओवैसी साहब का जिक्र किया, तो मैं आपके दर्शकों को बताना चाहती हूं कि ओवैसी साहब मीडिया में काफी नजर आते हैं. लेकिन मैं किसी नेता को उसके जमीनी असर और जनसमर्थन से आंकती हूं. जहां तक उनकी राजनीतिक स्थिति की बात है, ओवैसी साहब की पार्टी के पास लोकसभा में सिर्फ एक सीट है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कितने बड़े जननेता हैं.
ओवैसी ने साधा था केंद्र पर निशाना
ओवैसी ने अपने भाषण में कहा था कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को खत्म करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों की धार्मिक संपत्तियों को कानूनी संरक्षण मिला हुआ है, लेकिन इस विधेयक के जरिए सरकार मुस्लिम वक्फ की संपत्तियों को जब्त करना चाहती है.
ओवैसी ने आगे कहा था कि इस विधेयक के प्रावधान वक्फ बोर्ड से प्रशासनिक नियंत्रण छीनकर सरकार को सौंप देते हैं. इससे वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा नहीं कर पाएगा. उन्होंने तर्क दिया कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करता है. क्योंकि दूसरे धार्मिक समुदायों की संपत्तियों को सुरक्षा दी गई है, लेकिन मुसलमानों की संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेने की योजना बनाई जा रही है.