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Home » एयर इंडिया के विमान में जलकर मर गए यात्री, DNA जांच से कैसे होगी मृतकों की पहचान? समझिए पूरी प्रक्रिया

एयर इंडिया के विमान में जलकर मर गए यात्री, DNA जांच से कैसे होगी मृतकों की पहचान? समझिए पूरी प्रक्रिया

By Newsdesk Admin 13/06/2025
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सीजी भास्कर, 13 जून |

Contents
डीएनए की संरचना कैसी होती है?डीएनए का मुख्य कार्य क्या है?डीएनए शरीर में कहां पाया जाता है?डीएनए की विशेषताएं क्या है?क्या होता है डीएनए टेस्ट?कौन-कौन से तरीके है डीएनए टेस्टिंग के?कितना समय लगता है डीएनए टेस्ट लेने में?क्या है डीएनए टेस्ट की पूरी प्रक्रिया?क्या है डीएनए टेस्ट की चुनौतियां?गुजरात में डीएनए टेस्ट कहां होगा?गुजरात में कैसे होंगे 1000 डीएनए टेस्ट?

गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन जा रही थी. टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस प्लेन में 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे. प्लेन दुर्घटना बाद बीजे मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल बिल्डिंग से टकरा गया. इस भयावह हादसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई शवों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि मृतकों की पहचान के लिए 1000 लोगों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा. यह टेस्ट गुजरात की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी में होगा.

आइए सबसे पहले समझते हैं कि डीएनए होता क्या है? डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) एक जैविक अणु (Organic molecule) है, जो हर जीवित प्राणी की कोशिकाओं में पाया जाता है. यह एक तरह का जेनेटिक कोड है. जो हमारे शरीर की हर विशेषता को निर्धारित करता है. जैसे हमारी आंखों का रंग, बालों की बनावट, लंबाई, और यहां तक कि कुछ बीमारियों के प्रति हमारी संवेदनशीलता कैसी होगी. यह भी डीएनए तय करता है. डीएनए को हम अपने माता-पिता से विरासत में पाते हैं और यह हमारी पहचान का आधार होता है.

डीएनए की संरचना कैसी होती है?

डीएनए एक डबल हेलिक्स (दोहरी कुंडली) के आकार का होता है, जो दो लंबी श्रृंखलाओं (Series) से मिलकर बनता है. इन श्रृंखलाओं को न्यूक्लियोटाइड्स की इकाइयां बनाती हैं. प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड में तीन हिस्से होते हैं:

  • शर्करा (Sugar): डीऑक्सीराइबोज नामक शर्करा.
  • फॉस्फेट समूह (Phosphate Group): यह शर्करा को जोड़ने का काम करता है.
  • नाइट्रोजन बेस (Nitrogen Base): चार प्रकार के बेस होते हैं- एडेनाइन (A), थाइमिन (T), साइटोसिन (C), और ग्वानिन (G). ये बेस जोड़े बनाते हैं (A हमेशा T के साथ और C हमेशा G के साथ जोड़ा जाता है) जो डीएनए की सीढ़ी जैसी संरचना बनाते हैं. इस संरचना को 1953 में जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने खोजा था. जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था.

डीएनए का मुख्य कार्य क्या है?

  • जेनेटिक जानकारी का भंडारण (Store): डीएनए में वह सारी जानकारी होती है, जो एक जीव को बनाने और चलाने के लिए जरूरी है.
  • वंशानुक्रम (Heredity): यह माता-पिता से बच्चों में गुणों को स्थानांतरित करता है.
  • प्रोटीन बनाने का कार्य (Protein Synthesis): डीएनए कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए जरूरी होते हैं.

डीएनए शरीर में कहां पाया जाता है?

डीएनए कोशिका (Cell) के नाभिक (Nucleus) में क्रोमोसोम्स (Chromosomes) के रूप में पाया जाता है. मनुष्यों में 46 क्रोमोसोम्स होते हैं, जो 23 जोड़ों में व्यवस्थित होते हैं. इनमें से आधे मां से और आधे पिता से मिलते हैं.

डीएनए की विशेषताएं क्या है?

हर व्यक्ति का डीएनए 99.9% तक एक जैसा होता है, लेकिन 0.1% अंतर ही हमें एक-दूसरे से अलग करता है. यह छोटा सा अंतर ही हमारी अनूठी पहचान बनाता है. यही कारण है कि डीएनए टेस्ट का उपयोग व्यक्ति की पहचान, रिश्तों की पुष्टि, और अपराधों की जांच में किया जाता है.

क्या होता है डीएनए टेस्ट?

डीएनए टेस्ट एक वैज्ञानिक तकनीक है. जिसके जरिए किसी व्यक्ति के डीएनए की जांच की जाती है. इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए होता है. जैसे:

  1. पहचान करने के लिए: मृतकों या गुमशुदा लोगों की पहचान के लिए.
  2. रिश्तों की पुष्टि करने के लिए: पितृत्व (Paternity) या मातृत्व (Maternity) टेस्ट के लिए.
  3. अपराधिक जांच के लिए: अपराध स्थल पर मिले नमूनों से संदिग्ध की पहचान की जाती है.
  4. चिकित्सा के क्षेत्र में बीमारियों का पता लगाने के लिए.
  5. गुजरात विमान हादसे के संदर्भ में डीएनए टेस्ट का उपयोग मृतकों की पहचान के लिए किया जा रहा है. चूंकि हादसे में कई शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त या जल चुके हैं, इसलिए उनकी पहचान संभव नहीं है. ऐसे में डीएनए टेस्ट के जरिए शवों का मिलान उनके परिजनों के डीएनए से किया जाएगा.

कौन-कौन से तरीके है डीएनए टेस्टिंग के?

  • परिजनों की पहचान: सबसे पहले परिजनों को यह साबित करना होगा कि वे मृतक के करीबी रिश्तेदार हैं. इसके लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, या अन्य पहचान पत्र की जरूरत होगी. परिजनों से सैंपल लेने के लिए दो मुख्य तरीके हैं-
  • मुख स्वाब (Buccal Swab): एक रुई के फाहे को मुंह के अंदर गाल पर रगड़कर सलाइवा (लार) लिया जाता है. यह दर्द रहित और तेज प्रक्रिया है.
  • रक्त नमूना (Blood Sample): कुछ मामलों में रक्त का छोटा सा नमूना भी लिया जा सकता है. मृतकों के शवों से सैंपल लेने के लिए उनके दांत, हड्डी, बाल, या खून का उपयोग किया जाएगा.

कितना समय लगता है डीएनए टेस्ट लेने में?

डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया में समय लग सकता है. आमतौर पर परिणाम आने में 7-14 दिन लग सकते हैं, लेकिन आपात स्थिति में इसे 3-5 दिनों में भी पूरा किया जा सकता है.

क्या है डीएनए टेस्ट की पूरी प्रक्रिया?

डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है.

  • सैंपल संग्रहण (Sample Collection) जीवित व्यक्तियों से: मुंह से स्वाब या रक्त नमूना लिया जाता है. मृतकों से: शव की स्थिति के आधार पर हड्डी, दांत, बाल, या ऊतक (Tissue) का नमूना लिया जाता है. हड्डी और दांत से डीएनए निकालना समय लेने वाला होता है, क्योंकि इनमें डीएनए गहराई में होता है. सैंपल को एक बाँझ (Sterile) कंटेनर में रखा जाता है और लेबोरेटरी में भेजा जाता है.
  • डीएनए निष्कर्षण (DNA Extraction) लैब में सैंपल से डीएनए को अलग किया जाता है. इसके लिए रसायनों और मशीनों का उपयोग होता है. उदाहरण के लिए स्वाब से सलाइवा को रसायनों के साथ मिलाकर कोशिकाओं को तोड़ा जाता है और डीएनए को शुद्ध किया जाता है. हड्डी या दांत से डीएनए निकालने के लिए उन्हें पहले पीसकर पाउडर बनाया जाता है, फिर रसायनों से डीएनए अलग किया जाता है.
  • डीएनए प्रवर्धन (DNA Amplification) डीएनए की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए इसे बढ़ाने के लिए पॉलिमरेज चेन रिएक्शन (PCR) तकनीक का उपयोग होता है. इस प्रक्रिया में डीएनए के विशिष्ट हिस्सों को लाखों बार कॉपी किया जाता है, ताकि विश्लेषण आसान हो सके.
  • डीएनए प्रोफाइलिंग (DNA Profiling) डीएनए के विशिष्ट क्षेत्रों जिन्हें शॉर्ट टैंडम रिपीट्स (STR) कहते हैं. इनका विश्लेषण किया जाता है. ये क्षेत्र हर व्यक्ति में अलग होते हैं. STR विश्लेषण के जरिए एक डीएनए प्रोफाइल बनाई जाती है, जो एक अद्वितीय कोड की तरह होती है.
  • डीएनए मिलान (DNA Matching) मृतक के डीएनए प्रोफाइल का मिलान परिजनों के डीएनए प्रोफाइल से किया जाता है. अगर माता-पिता या बच्चों का डीएनए उपलब्ध है तो मिलान 99.99% तक सटीक होता है. इस प्रक्रिया में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जाती है.
  • परिणाम और रिपोर्ट टेस्ट के परिणाम रिपोर्ट के रूप में तैयार किए जाते हैं, जिसमें मृतक की पहचान की पुष्टि होती है. यह रिपोर्ट प्रशासन और परिजनों को सौंपी जाती है, ताकि शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जा सके.

क्या है डीएनए टेस्ट की चुनौतियां?

  • शवों की स्थिति: हादसे में कई शव जल चुके हैं या क्षतिग्रस्त हैं, जिससे डीएनए निकालना मुश्किल हो सकता है.
  • सैंपल की गुणवत्ता: अगर सैंपल दूषित हो जाता है, तो परिणाम गलत हो सकते हैं.
  • समय: डीएनए टेस्ट में समय लगता है, जिससे परिजनों को इंतजार करना पड़ सकता है.
  • लागत: डीएनए टेस्ट महंगा होता है, लेकिन इस मामले में सरकार इसका खर्च वहन कर रही है.

गुजरात में डीएनए टेस्ट कहां होगा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि डीएनए टेस्ट गुजरात की दो प्रमुख प्रयोगशालाओं में किया जाएगा:

  • फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) गांधीनगर: यह गुजरात की सबसे एडवांस्ड फोरेंसिक लैब है. जो अपराधिक जांच और पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करती है.
  • नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) गांधीनगर: यह भारत की प्रमुख फोरेंसिक शिक्षा और अनुसंधान संस्था है. जो अत्याधुनिक तकनीकों से डीएनए विश्लेषण करती है. इन लैब्स में सैंपल को सुरक्षित रखने के लिए विशेष कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं हैं. सैंपल की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें, जैसे PCR मशीनें और डीएनए सीक्वेंसर उपलब्ध हैं.

गुजरात में कैसे होंगे 1000 डीएनए टेस्ट?

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि लगभग 1000 लोगों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा. यह संख्या इसलिए बड़ी है क्योंकि प्रत्येक मृतक के कई परिजनों (जैसे माता-पिता, बच्चे, भाई-बहन) के सैंपल लिए जाएंगे, ताकि सटीक मिलान हो सके.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल और बी.जे. मेडिकल कॉलेज में डीएनए सैंपल लेने की विशेष व्यवस्था की गई है. गुजरात स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव धनंजय द्विवेदी के अनुसार मृतकों के निकटतम परिजन, जैसे माता-पिता, बच्चे, या भाई-बहन, बी.जे. मेडिकल कॉलेज के कसोटी भवन में डीएनए सैंपल दे सकते हैं.

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