सीजी भास्कर, 03 जुलाई : राज्य के फार्मासिस्टों (Pharmacy Council Fee Rollback) को बड़ी राहत देते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने फीस वृद्धि के अपने निर्णय को रद्द कर दिया है। यह फैसला स्वास्थ्य मंत्री के सुझाव और फार्मासिस्ट संगठनों की मांगों के बाद लिया गया। काउंसिल ने 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में नए पंजीयन, नवीनीकरण एवं अन्य सेवाओं पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था, जिसे 1 जून से लागू भी कर दिया गया था।
फीस वृद्धि के बाद राज्यभर के फार्मासिस्ट (Pharmacy Council Fee Rollback) संगठनों और दवा व्यापारियों ने विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने इसे युवाओं और छोटे कारोबारियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बताया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वयं हस्तक्षेप करते हुए काउंसिल को पुनर्विचार का सुझाव दिया।
2 जुलाई को रायपुर के नवीन विश्राम गृह में काउंसिल की विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी सदस्यों ने बढ़ी हुई फीस के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी।
केवल कोविड महामारी काल में अस्थायी रूप से घटाई गई पंजीयन नवीनीकरण फीस को ₹300 से पुनः ₹500 किया जाएगा, जो महामारी से पहले लागू थी। इसका उद्देश्य पूर्व व्यवस्था को बहाल करना है, न कि नई बढ़ोतरी करना। इसके अलावा, 1 जून 2025 के बाद जिन फार्मासिस्टों से अतिरिक्त शुल्क वसूला गया है, उन्हें वह राशि वापस लौटाई जाएगी।
इस फैसले से फार्मासिस्टों (Pharmacy Council Fee Rollback) को बड़ी राहत मिली है और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक सकारात्मक संदेश गया है कि युवा पेशेवरों और व्यापारियों की आवाज सुनी जाती है। इससे फार्मेसी पेशे में विश्वास भी बढ़ेगा।