सीजी भास्कर, 30 जुलाई |
नई दिल्ली/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर केरल की दो कैथोलिक सिस्टर्स की गिरफ्तारी ने देशभर में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इस प्रकरण के विरोध में कांग्रेस ने संसद भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई सांसद और नेता शामिल हुए। हाथों में “ननों को रिहा करो, गुंडों को गिरफ्तार करो” जैसे नारों की तख्तियां लिए नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा।
क्या है पूरा मामला?
28 जुलाई को दुर्ग स्टेशन पर दो कैथोलिक ननों — वंदना फ्रांसिस और प्रीति मेरी — को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, वे तीन आदिवासी युवतियों को आगरा ले जा रही थीं। जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह सिर्फ नौकरी दिलाने के प्रयास थे, जिन्हें जबरन धार्मिक रंग देकर साजिशन बदनाम किया जा रहा है।
संसद में कांग्रेस का हमला
संसद में कांग्रेस ने इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया। सांसद सप्तगिरी उल्का, बेनी बेहनन, एन.के. प्रेमचंद्रन, और इंग्रिड मैकलोड जैसे नेताओं ने जेल में ननों से मुलाकात के बाद आरोप लगाया कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने साजिश रची और पुलिस की मिलीभगत से कार्रवाई की गई।
राहुल गांधी का बयान: “ये न्याय नहीं, भीड़तंत्र है”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए कहा:
“छत्तीसगढ़ में दो ननों को उनकी आस्था के आधार पर निशाना बनाया गया। यह न्याय नहीं बल्कि भाजपा-आरएसएस का भीड़तंत्र है। हम चुप नहीं बैठेंगे।”
प्रियंका गांधी: अल्पसंख्यकों को योजनाबद्ध तरीके से बदनाम किया जा रहा
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ सिस्टेमैटिक उत्पीड़न का हिस्सा है। उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया और मांग की कि ननों को तुरंत रिहा किया जाए।
वृंदा करात का तीखा हमला
सीपीएम नेता वृंदा करात ने घटना को आदिवासी महिलाओं की बेइज्जती बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है और जो लोग नौकरी दिलाना चाहते हैं, उन्हें जेल में डाला जा रहा है।
CM विष्णुदेव साय का जवाब: “कानून अपना काम करेगा”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच जारी है और कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। उन्होंने आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि बेटियों को बहकाकर ले जाया जा रहा था।