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सीजी भास्कर, 06 नवंबर। तालाब किसी जाति या धर्म विशेष के नहीं होते, विकास के मामलों में राजनीति की गलत परंपरा का मैं कत्तई पक्षधर नहीं हूं, क्योंकि पार्षद रहते हुए मैंने महसूस किया कि कई मुद्दों में ऐसा होने से ही कहीं न कहीं कुछ क्षेत्र पिछड़ जाते हैं। आज कुरूद के नकटा तालाब का छठ पूजा पूर्व निरीक्षण करने पहुंचे वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने उक्त बातें कहीं।
आपको बता दें कि जलकुंभी और गंदगी से अटे इस तालाब को दो महीने पूर्व विधायक रिकेश सेन ने तत्काल साफ करने का आदेश देते हुए इसे छठ पूर्व साज सज्जा से परिपूर्ण करने कहा था। नतीजतन यह तालाब अब बेहतरीन प्रकाश व्यवस्था के साथ दिन रात काम कर व्यवस्थित रूप में आ चुका है। विधायक रिकेश सेन ने निरीक्षण के दौरान बताया कि जल्द ही यहां वाटर रीचार्ज और बोटिंग आदि की सुविधा लोगों को देखने मिलेगी। छठ सहित सभी तीज त्यौहारों और परंपराओं का निर्वहन इस तालाब में हो सकेंगे।
श्री सेन ने कहा कि कलयुग में ईश्वर अपना कोई न कोई अवतार भेजते हैं, माध्यम भेजते हैं। एक लोटा जल के आह्वान से हिंदुओं में पंडित प्रदीप मिश्राजी शिवलिंग पर जल चढ़वाने का माध्यम बने, हमारे भगवान बजरंगबली के प्रति जागरूकता लाने का काम अगर कोई किया तो बागेश्वर धाम ने किया। ऐसे ही मां सरस्वती लता मंगेशकरजी के कंठ में विराजमान रहीं तो उन्होंने कई गीत गाए जिनकी आवाज आज हम सबके कानों में गूंजती है। छठी मैया की साक्षात अवतार शारदा सिन्हा थीं क्योंकि उन्हीं के गानों से ही छठ महापर्व की शुरुआत होती थी। उन्हीं के गानों से ही हम सब लोगों को लगता था कि अब छठ पूजा आ रही है। ऐसे ही माता के जगराते के लिए नरेंद्र चंचलजी को अवतार माना जाता है। शारदा सिन्हाजी में मां दुर्गा का भाव था, करोड़ों लोगों का प्रेम उनके प्रति रहा है। वो आज हमारे बीच में नहीं रहीं लेकिन हम सभी जानते हैं कि वो अपने लोकगीतों के माध्यम से सदैव अमर रहेंगी।
कुरूद का यह तालाब दो महीने पहले काफी बुरे हाल में था। दो महीने में हमने रात दिन एक करके इसको बनवाया, इसमें और भी बहुत सारी योजनाएं हैं यह तालाब अलग से दिखेगा। इसके लिए हमने बहुत बड़ी तैयारी की हुई है। मैंने अधोसंरचना मद से एक करोड़ कल स्वीकृत किया है इस तालाब के लिए। इसमें हाई मास्क लाइट लगनी हैं, बहुत जल्द कुरूद का यह तालाब पर्यटन स्थल बनेगा। इतना बड़ा तालाब हमारे पास है और वाटर रिचार्ज कर आसपास के क्षेत्रों तक पानी पहुंचाने का भी हम प्रयास कर रहे हैं।
विधायक रिकेश सेन ने कहा कि जब छठ पूजा आती है, जब तालाब निर्माण की बात होती है तो लोग तालाब की इस व्यवस्था को यूपी बिहार से जोड़कर देखते हैं जबकि तलाब सभी जाति और धर्म के लिए काम आता है, मैं भी छत्तीसगढ़ी परिवार से हूं, तीज नहावन में हमारी माताएं बहनें आती हैं। तालाब व्यवस्थित न होने से अभी तक हमकों इस क्षेत्र में टैंकर भेजना पड़ता था। अब कम से कम तालाब साफ सुथरा हो गया तो माताएं अंदर जाकर स्नान कर सकती हैं। कुरूद नकटा तालाब के तट पर मां शारदा का मंदिर भी है इसलिए शारदा सिन्हाजी हमेशा हम सबके बीच में अमर रहें, इसलिए यह तालाब जो कि नकटा तालाब के नाम से जाना जाता है, छत्तीसगढ़ी में नकटा का क्या अर्थ है वह सभी छत्तीसगढ़वासी जानते हैं इसलिए एक नाम देना भी बड़ा आवश्यक था, इसलिए मेरे मन में इसे “शारदा सरोवर” इसका नाम रखने का विचार आया। मुझे ऐसा लगता है कि इसमें कुछ लोगों की आपत्ति भी आएगी इस नाम को लेकर। अगर उनकी आपत्ति आएगी तो उस पर भी विचार किया जाएगा। उनके साथ बैठकर सद्भावना सबकी सहमति से नामकरण हो, ऐसा हमारा प्रयास है। हमारे पास और भी बहुत कुछ है जिसमें हम शारदा सिन्हाजी का नाम रख सकते हैं। किसी का विरोध हो ऐसा काम नहीं होगा।