सीजी भास्कर, 11 जून |
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में युक्तियुक्तकरण में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। यहां एक ऐसा स्कूल है, जहां अफसरों ने 11 टीचर की पदस्थापना कर दी। वहीं, कई ऐसे स्कूल है, जो युक्तियुक्तकरण के बाद भी एकल शिक्षकीय है।
शिक्षक साझा मंच ने अपने पोल खोल अभियान के दौरान ऐसे स्कूलों की पहचान की है। साथ ही आरोप लगाया है कि बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने मनमाने तरीके से अतिशेष शिक्षकों की लिस्ट जारी की है, जिसके चलते यह स्थिति बनी है। मंच ने युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया की जांच कर इसे निरस्त कर दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े ब्लॉक बिल्हा है, जो न्यायधानी के मुख्यालय के रूप में है। यहां युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान सबसे ज्यादा गड़बड़ी की गई है। इस ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला बेलटूकरी, संकुल अमलडीहा में 154 छात्र दर्ज हैं, जहां एक शिक्षिका कार्यरत है।
एकल शिक्षक इस विद्यालय में पांच शिक्षकों की और पदस्थापना होनी थी। जबकि, एक स्कूल ऐसा है, जहां छात्र संख्या बढ़ाकर 11 शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई है।
कार्यालय का चक्कर काटकर भटक रहे टीचर
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक जब कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि स्कूल में दर्ज संख्या कम है और टीचर ज्यादा। ऐसे में उन्हें एक बार फिर से अतिशेष बताने की साजिश हो सकती है।
अब शिक्षक कार्यालय और अधिकारी के चक्कर लगाते भटक रहे हैं। उनका आरोप है कि बिल्हा विकासखंड में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठ बनाने का खेल, छात्र दर्ज संख्या बढ़ाकर बताते हुए परिचितों को सुरक्षित करने का खेल बड़े जोरों से चला है।
अधिकारियों की गड़बड़ी आई सामने
बिलासपुर में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां निकलकर सामने आ रही है। शिक्षकों का आरोप है कि कुछ चहेतों को बचाया गया है तो कुछ लोगों का नाम युक्तियुक्तकरण की दायरे में नहीं आने के बाद भी जानबूझकर अतिशेष सूची में डाला गया है।
छत्तीसगढ़ शिक्षक साझा मंच शुरू से ही विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का विरोध करते आ रहा है, इसी कड़ी प्रांतीय निर्णय अनुसार जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में जो झोल झाल किया गया है, उसको लेकर पोलखोल अभियान चलाया जा रहा है। शिक्षक साझा मंच जो कि 23 संगठनों का संयुक्त मंच है के तत्वाधान में जिला स्तरीय रैली और ज्ञापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
साझा मंच की प्रमुख मांगें
- विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण निरस्त होनी चाहिए।
- क्रमोन्नति वेतनमान का जनरल ऑर्डर जारी किया जाए।
- एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना करते हुए पेंशन सहित समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
- व्याख्याता पदोन्नति में डीएड और बीएड दोनों को प्रशिक्षित मानते हुए पदोन्नति किया जाए।
बिना अधिकृत सूची के हो गया युक्तियुक्तकरण – संजय शर्मा
मच के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने बताया कि जिले में जो युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग में किसी भी तरह से अधिकारियों के हस्ताक्षर और कार्यालय का मुहर लगा हुआ सूची प्रकाशित नहीं किया गया था और ना ही चश्पा किया गया था।
बिना किसी अधिकृत सूची के काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई। काउंसलिंग से पहले जब शिक्षक दावा आपत्ति करने के लिए कार्यालय गए तो उनसे आवेदन नहीं लिया गया। इस तरह से अधिकारियों ने अपने कुछ खास चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए निर्दोष शिक्षकों का नाम अतिशेष सूची में डाल दिया।
सूची निरस्त कर दोषी अधिकारियों पर की जाए कड़ी कार्रवाई
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि परिचय और भाई भतीजावाद के चक्कर में इस काम को विशेष रूप से अंजाम दिया गया है। उन्होंने बिल्हा विकासखंड के पूरे प्रकरणों की जांच, छात्र दर्ज संख्या, वरिष्ठता की सूची, शाला में शिक्षकों के रिक्त पद की सूची और अतिशेष शिक्षकों की हस्ताक्षरित अगल सूची प्रदर्शित किए जाने की मांग की गई है। साथ ही बिल्हा बीईओ को तत्काल पद से पृथक करने की मांग की है।