सीजी भास्कर, 18 जनवरी। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज भिलाई द्वारा आयोजित व्यापार महोत्सव के दूसरे दिन स्टार्टअप सम्मेलन 2025 के तहत विभिन्न वक्ताओं द्वारा नवाचार, उद्यमशीलता और स्टार्टअप संस्कृति की जानकारी साझा की गई। सम्मेलन में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जो उज्जवल भविष्य और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सम्मेलन में उपस्थित वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और स्टार्टअप्स की भूमिका पर अपने विचार रखे।
सबसे पहले अभिजीत शर्मा सीईओ एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड स्टार्टअप ने अपने उद्बोधन में स्टार्टअप्स के माध्यम से रोजगार सृजन और स्थानीय समस्याओं के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने एनआईटी रायपुर द्वारा स्टार्टअप्स को सहयोग देने की दिशा में उठाए गए कदमों पर चर्चा की।
सोमेश शर्मा फाउंडर ऑगटेक नेक्स्टवेल्थ और टेकमेंट टेक्नोलॉजी ने तकनीकी नवाचारों की भूमिका को विस्तार से समझाया और बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और डिजिटल सॉल्यूशंस स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखते हैं।
सीए श्रीचंद लेखवानी ने वित्तीय प्रबंधन और फंडिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि सही पूंजी प्रबंधन और टैक्स प्लानिंग स्टार्टअप्स की सफलता की कुंजी है।
मुकुलधर शर्मा डिप्टी डायरेक्टर एसटीपीआई ने आईटी सेक्टर में स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने एसटीपीआई द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया।
भूपेंद्र कुमार नेमा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीएनआई भिलाई ने नेटवर्किंग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि व्यापारिक सफलता के लिए मजबूत नेटवर्किंग आवश्यक है। उनके साथ प्रशांत माथुर, सीईओ, आईआईटी भिलाई ने तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को स्टार्टअप्स की प्रगति में मुख्य घटक बताया। उन्होंने नवप्रवर्तन आधारित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
एमपी स्टेट के चेयरमेन व विजन इन्वेस्ट ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रदीप करमबेलकर ने स्टार्टअप्स के महत्व को गहराई से समझाया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैसे नवाचार ने व्यापारिक परिदृश्य को बदला है। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स छोटे स्तर पर शुरू होते हैं, लेकिन उनकी सोच बड़ी होती है। यह सोच ही उन्हें अलग बनाती है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स का मतलब केवल नई तकनीक या नया उत्पाद नहीं है, बल्कि यह एक समस्या का समाधान और समाज को सशक्त बनाने का जरिया है।
श्री करमबेलकर ने अपनी यात्रा के दौरान छोटे और मध्यम व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए किए गए अपने प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक स्टार्टअप को अपने आसपास की समस्याओं को समझकर उस पर काम करना चाहिए। इससे न केवल समाज को लाभ होगा, बल्कि व्यापार को भी स्थिरता मिलेगी। उन्होंने सरकार और संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले सहयोग का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने प्रतिभागियों को यह संदेश दिया कि विफलता ही सफलता का पहला कदम है। हर स्टार्टअप को यह समझना चाहिए कि गलतियाँ उनकी यात्रा का हिस्सा हैं और उनसे सीखना ही आगे बढ़ने का तरीका है।स्टार्टअप्स के लिए संभावनाएँ और अवसरस्टार्टअप सम्मेलन 2025 ने न केवल विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया, बल्कि नए स्टार्टअप्स के लिए संभावनाओं के द्वार भी खोले।
विशेषज्ञों ने स्टार्टअप्स की चुनौतियों, उनके समाधान और संभावित विकास के क्षेत्रों पर गहन चर्चा की। सम्मेलन ने प्रतिभागियों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें व्यावहारिक दिशानिर्देश भी दिए।स्टॉल्स और प्रदर्शनियों का आकर्षणदूसरे दिन मेले में 150 से अधिक स्टॉल्स का आयोजन किया गया, जिसमें 900 से अधिक व्यापारिक संस्थाओं ने अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया। इनमें टेक्नोलॉजी, कृषि उपकरण, फूड प्रोसेसिंग उत्पाद, हस्तशिल्प और फैशन जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल रहे। टेक्नोलॉजी स्टॉल्स में डिजिटल सॉल्यूशंस और इनोवेटिव उत्पादों का प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। वहीं, हस्तशिल्प और कारीगरी के स्टॉल्स ने स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया। स्टॉल्स पर विभिन्न श्रेणियों में नए उत्पाद और सेवाएँ प्रदर्शित की गईं, जो ग्राहकों और व्यापारियों के बीच आकर्षण का केंद्र बने।
व्यापार महोत्सव ने न केवल व्यापार को बढ़ावा दिया बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई। मेले के आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया। आयोजकों ने इस दौरान उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों को पर्यावरण अनुकूल बनाने पर जोर दिया। साथ ही, हर स्टॉल पर सफाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई। इस पहल ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय जिम्मेदारी की मिसाल पेश की।