सीजी भास्कर, 09 जुलाई। कोरबा में कोयला खदानों पर श्रमिक संगठनों ने हड़ताल शुरू कर दी है। श्रमिक संगठन केंद्र सरकार की नई श्रम कानून नीतियों का विरोध कर रहे हैं। साथ ही सीएमपीडीआई के निजीकरण और आईपीओ का भी विरोध कर रहे हैं।
कोरबा की दीपका, गेवरा और कुसमुंडा खदानों में सुबह से ही प्रदर्शन जारी है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मौके पर पुलिस और SECL गार्ड तैनात किए गए हैं। पहले पाली से ही हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दे रहा है।
एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल
एटक श्रम संघ के केंद्रीय क्षेत्रीय कल्याण समिति सदस्य जय मुखर्जी ने बताया कि यह एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल है। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीन रही है। मानिकपुर के इंटक सेक्रेटरी प्रमोद कुमार बनर्जी के मुताबिक, निजी कंपनियों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
छोटे संगठनों को भी हड़ताल का समर्थन
एचएमएस अध्यक्ष चंद कुमार बंजारे ने बताया कि 29 पुराने श्रम कानूनों को हटाकर नए कानून लाए गए हैं। सीटू नेता धीरज ने कहा कि बीएमसी, एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू के अलावा छोटे संगठन भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को समझा रहे हैं कि मजदूरों के हित में कानून बनाया जाए।