सीजी भास्कर, 07 जुलाई| Purnia Witch Killing : बिहार में पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में अंधविश्वास में एक 70 वर्षीया वृद्धा को डायन बताकर रविवार देर रात उनके घर पर लगभग 200 ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। महिला सहित उनके परिवार के पांच सदस्यों का अपहरण कर दूसरी जगह पर ले जाया गया। इसके बाद पांचों के साथ मारपीट की और सभी को जिंदा जला दिया।
घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर जेसीबी की सहायता से शवों को जमीन में गाड़ दिया गया। मृतका का पोता सोनू कुमार बचकर भाग निकलने में सफल रहा। उसने ही घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने ओझा का काम करने वाले नकुल उरांव सहित एक ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से गांव के सभी लोग गायब हैं। घरों में ताला लटक रहा है।
मरने वालों में विधवा कातो देवी, उनके पुत्र बाबूलाल उरांव व उनकी पत्नी सीता देवी, बाबूलाल के पुत्र मनजीत कुमार व पुत्रवधू रानी देवी शामिल हैं। पुलिस आसपास के गांवों और रिश्तेदारों के घर आरोपितों की तलाश कर रही है। पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत ने बताया कि श्वान दस्ते की मदद से पांचों शव बरामद कर लिए गए हैं। किशोर के बयान के आधार पर केस करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
ओझा ने भड़काया: बाबूलाल उरांव के दूसरे पुत्र सोनू ने पुलिस और लोगों को बताया कि गांव में एक परिवार का बच्चा लंबे समय से बीमार था। गांववालों को शक था कि उनकी दादी कातो देवी डायन है और उसी ने बच्चे को बीमार कर दिया है। रविवार को बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद ओझा का काम करने वाले नकुल उरांव ने बैठक बुलाई और लगभग 200 ग्रामीणों को वृद्धा के विरुद्ध भड़काया।
ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर उनके घर पर धावा बोला और पांचों लोगों का अपहरण कर दूसरी जगह ले गए। इसके बाद पांचों के साथ मारपीट की गई और जिंदा जला दिया गया। सोनू को ग्रामीण नहीं देख पाए थे। वह वहां से भागकर सोमवार की सुबह अपनी ननिहाल वीरपुर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। इसके बाद ननिहाल वालों व सोनू ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद आधा दर्जन थानों की पुलिस ने शवों की तलाश शुरू की।