महाराष्ट्र की युवा आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ हुए वायरल वीडियो विवाद के बाद अब उनके शैक्षणिक और अन्य दस्तावेजों की जांच की मांग उठ गई है।
एनसीपी के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने UPSC सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि अंजना कृष्णा द्वारा जमा किए गए प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच की जाए।
अजित पवार से हुई थी बहस, वीडियो वायरल
दरअसल, मामला सोलापुर जिले के माढा इलाके में अवैध मिट्टी खनन से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, अंजना कृष्णा अपनी टीम के साथ मौके पर कार्रवाई करने पहुंची थीं। इस दौरान मौजूद नेताओं ने डिप्टी सीएम अजित पवार से फोन पर उनकी बात कराई।
वीडियो में देखा गया कि अंजना ने कॉल पर पवार को पहचानने से मना कर दिया और उनसे कहा कि वे अपने आधिकारिक नंबर से ही संपर्क करें। इसके बाद फोन कट गया और पूरा वाकया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
एनसीपी नेता ने जताई आशंका
इस विवाद के बाद एनसीपी नेता अमोल मिटकरी ने UPSC को लिखे पत्र में कहा कि अंजना कृष्णा द्वारा जमा किए गए शैक्षिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की जाए। उन्होंने दावा किया कि इन दस्तावेजों की सत्यता को लेकर संदेह है, इसलिए आयोग से हस्तक्षेप की अपेक्षा है।
कौन हैं अंजना कृष्णा?
अंजना कृष्णा मूल रूप से तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं। उन्होंने 2023 की UPSC परीक्षा में 355वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में वे सोलापुर जिले के करमाला में डीएसपी पद पर तैनात हैं।
साधारण परिवार से आने वाली अंजना के पिता कपड़े का छोटा व्यापार करते हैं और मां कोर्ट में टाइपिस्ट हैं। कम उम्र में ही अंजना ने अपने दृढ़ और निडर स्वभाव से पहचान बनाई है।