सीजी भास्कर, 14 अगस्त : राजधानी के रामसागरपारा स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा में साइबर ठगों ने फर्जी लेटरपैड और मोबाइल काल के जरिये 17 लाख 52 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, शाखा प्रबंधक आशुतोष कुमार (निवासी गिरिडीह, झारखंड) को आठ अगस्त को पूर्व शाखा प्रबंधक कार्तिक राउत के नाम से काल आया। काल करने वाले ने बताया कि कृष्णा बिल्डर्स के डायरेक्टर सुनील तापड़िया पुराने व भरोसेमंद ग्राहक हैं और उनका फोन आने पर मदद करने को कहा।
11 अगस्त को आशुतोष को सुनील तापड़िया के नाम से काल आया। कालर ने खुद को रजिस्ट्री आफिस में व्यस्त बताया और वाट्सएप पर कृष्णा बिल्डर्स के फर्जी लेटरपैड पर एनईएफटी डिटेल भेज दी। इसमें राजस्थान निवासी सरफराज अंसारी के खाते में 17.52 लाख रुपये ट्रांसफर करने का अनुरोध था।
बिना पुष्टि ट्रांसफर, फिर खुला राज
लेटरपैड देखकर आशुतोष ने बिना सत्यापन किए राशि ट्रांसफर कर दी। करीब 15 मिनट बाद असली सुनील तापड़िया का फोन आया, जिन्होंने पैसे ट्रांसफर की जानकारी से इन्कार कर दिया। वे तत्काल बैंक पहुंचे और बताया कि लेटरपैड और मोबाइल नंबर फर्जी हैं।
14 लाख रुपये होल्ड, तीन लाख निकाल ले गए ठग
घटना का पता चलते ही बैंक में हड़कंप मच गया। बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। प्रयासों से 14 लाख रुपये खाते में होल्ड कराए गए, जबकि तीन लाख रुपये आरोपित पहले ही निकाल चुके थे।
पुराने मैनेजर को भी झांसे में लिया
जांच में पता चला कि आरोपितों ने इंटरनेट से पूर्व शाखा प्रबंधक कार्तिक राउत का नंबर निकाला और उन्हें भी झांसे में लिया। कार्तिक ने अनजाने में नए मैनेजर को सुनील तापड़िया के बारे में जानकारी दे दी, जिसका फायदा आरोपितों ने उठाया। फिलहाल पुलिस साइबर सेल की मदद से आरोपितों की लोकेशन और पहचान में जुटी है।