सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। राजधानी रायपुर में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मामला पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के बेटे से जुड़ा है, जिसे आवारा कुत्तों ने दौड़ाकर काट लिया। इस घटना के बाद पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने नगर निगम और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह विफल बताया है। यह मामला रायपुर डॉग बाइट (Raipur Dog Bite) की गंभीर स्थिति को उजागर करता है।
प्रमोद दुबे ने कहा कि उनके बेटे को चार आवारा कुत्तों ने घेरकर हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब जनप्रतिनिधियों के परिवार तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। दुबे के अनुसार, बीते एक वर्ष में रायपुर में 51 हजार से अधिक डॉग बाइट की घटनाएं सामने आई हैं, जो यह साबित करती हैं कि समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहा है।
पूर्व महापौर ने आरोप लगाया कि आवारा कुत्तों (Raipur Dog Bite) की नसबंदी, टीकाकरण और शेल्टर होम से जुड़ी योजनाएं केवल फाइलों तक सीमित हैं। जमीनी स्तर पर इनका कोई प्रभाव दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि यह स्थिति रायपुर नगर निगम और सरकार के बीच आपसी टकराव और लापरवाही का परिणाम है, जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।
प्रमोद दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि कुत्तों के नाम पर अधिकारी और राजनीतिक संरक्षण में जुड़े लोग लाभ उठा रहे हैं, जबकि शहरवासी डर और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर लगातार कुत्तों के हमले के वीडियो सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन अब तक सिर्फ बयानबाजी तक सीमित है। इस घटना ने एक बार फिर रायपुर में रायपुर डॉग बाइट की समस्या को गंभीर सार्वजनिक मुद्दे के रूप में सामने ला दिया है, जिस पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।


