सीजी भास्कर, 28 सितम्बर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से पुलिस और विशेष जांच एजेंसी ने आठ लाख के इनामी नक्सली रमेश कुरसम उर्फ जग्गू को गिरफ्तार किया है। वह लंबे समय से अपनी पत्नी कमला के साथ गरीब बस्ती में एक किराए के कमरे में रह रहा था। दिखावे के लिए मजदूरी और छोटे-मोटे काम करता था, जबकि असल में वह शीर्ष माओवादियों के लिए छिपने और नेटवर्क मजबूत करने का काम कर रहा था। (Raipur Maoist Arrest)
हर महीने मिलती थी मोटी रकम
जांच में सामने आया कि रमेश को संगठन की ओर से हर महीने 30 से 40 हजार रुपये भेजे जाते थे। यही पैसा वह शहरी नेटवर्क (Urban Maoist Network) को मजबूत करने और संसाधन जुटाने में खर्च करता था। तलाशी के दौरान पुलिस को उसके पास से 10 ग्राम सोने के बिस्कुट और डेढ़ लाख रुपये नकद बरामद हुए।
Raipur Maoist Arrest: बीजापुर और दंतेवाड़ा में कई मामले दर्ज
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रमेश पर बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
वह कभी नक्सली भैरमगढ़ डिवीजनल कमेटी (DVC) का सक्रिय सदस्य रह चुका है। इसी वजह से उस पर आठ लाख और उसकी पत्नी कमला पर पांच लाख का इनाम घोषित था।
प्रेम कहानी से जुड़ा था संगठन
जांच में यह भी सामने आया कि रमेश और कमला की मुलाकात नक्सली संगठन के दौरान हुई थी। दोनों का रिश्ता प्रेम संबंध में बदलने के बाद शादी में तब्दील हुआ। बाद में उन्होंने शहरों में रहकर संगठन का शहरी नेटवर्क (Raipur Maoist Arrest keyphrase context) संभालना शुरू कर दिया।
फर्जी पहचान और मकान मालिक की चूक
सूत्रों के मुताबिक, रायपुर में कमरा किराए पर लेते वक्त कमला ने फर्जी पहचान पत्र दिया था। मकान मालिक ने उसकी जांच नहीं कराई। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कमरे में पहले पवन नाम का युवक रहता था, जिसने ही इस दंपती को मकान दिलवाया था।
Raipur Maoist Arrest:पुलिस और एजेंसियों की रणनीति
इंटेलिजेंस को तकनीकी जांच के जरिए पता चला कि यह दंपती बस्तर क्षेत्र से लगातार संपर्क में था। कॉल इंटरसेप्शन और ट्रैकिंग के बाद रायपुर में दबिश दी गई और दोनों को पकड़ लिया गया। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही हैं, ताकि माओवादी संगठन के शहरी मॉड्यूल की परतें खोली जा सकें।