सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। राजधानी रायपुर में एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (ACCU) टीम पर गंभीर भ्रष्टाचार (Raipur Police Corruption Case) का आरोप लगा है। चेकिंग के दौरान क्राइम ब्रांच में पदस्थ पांच पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से एक कारोबारी की कार से दो लाख रुपये चोरी कर लिए। शिकायत सामने आते ही रायपुर एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने सभी पांचों पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए। जांच में दोषी पाए जाने पर उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
संदिग्ध कार की तलाश में गई टीम, खुद फंस गई संदेह में
सूत्रों के अनुसार, 18 अक्टूबर की रात रायपुर क्राइम ब्रांच को एक संदिग्ध वाहन की सूचना मिली थी। टीम कुम्हारी मार्ग से दुर्ग की ओर निकली, लेकिन संदिग्ध कार पुलिस को चकमा देकर फरार हो गई। इसके बाद टीम दुर्ग जिले के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के विद्युत नगर इलाके में पहुंची — जहाँ यह कथित घटना हुई।
पुलिस ने बिना नोटिस की तलाशी
दुर्ग निवासी कारोबारी मयंक गोस्वामी, जो धमतरी में बुलेट शोरूम संचालित करते हैं, ने अपनी शिकायत में कहा कि 18 अक्टूबर की रात वे अपने घर लौटे थे। इसी दौरान रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम बिना किसी नोटिस या अनुमति के उनकी कार की तलाशी लेने लगी। तलाशी के दौरान कार में रखे दो लाख रुपये गायब हो गए। कारोबारी के अनुसार, “जब अगले दिन रकम गायब पाई गई, तो हमने घर और दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज (Raipur Police Corruption Case) खंगाले — फुटेज में पुलिसकर्मी कार के अंदर से कुछ निकालते नजर आ रहे हैं।” उन्होंने यह वीडियो फुटेज दुर्ग पुलिस को सौंपा।
सीसीटीवी फुटेज में कैद पूरी वारदात, तुरंत हुई कार्रवाई
दुर्ग पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए फुटेज की जांच की और रिपोर्ट रायपुर एसएसपी को भेजी। फुटेज में संदिग्ध गतिविधियां साफ दिखने के बाद रायपुर एसएसपी ने तत्काल एक्शन लेते हुए पांचों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी रायपुर ने एसीसीयू शाखा में पदस्थ आरक्षक प्रशांत शुक्ला, धनंजय गोस्वामी, प्रमोद वट्टी, अमित करिया और वीरेंद्र भार्गव को निलंबित किया है।
साथ ही विभागीय जांच (Raipur Police Corruption Case) के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो फुटेज, तलाशी रिपोर्ट और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पूरे मामले की तहकीकात कर रही है। एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने कहा, “किसी भी स्थिति में विभाग की साख पर दाग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी।”
विभाग की साख पर फिर उठा सवाल
यह मामला पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाल के दिनों में एसीसीयू और क्राइम ब्रांच पर बढ़ते भ्रष्टाचार के आरोपों ने पुलिस की छवि को नुकसान पहुँचाया है। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद आरोपियों पर क्या कार्रवाई होती है।