Raipur Student Suicide: रायपुर के सुंदरनगर इलाके से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां (Raipur Student Suicide) का मामला सामने आया। साइंस कॉलेज की एमएससी छात्रा प्रज्ञा शर्मा (25) ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है — “मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।”
पारिवारिक कलह बनी मानसिक बोझ का कारण
जानकारी के अनुसार, (Raipur Suicide Case) की पीड़िता प्रज्ञा शर्मा मूल रूप से बेमेतरा जिले की रहने वाली थी और रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि प्रज्ञा के माता-पिता के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे थे और दोनों अलग-अलग रह रहे थे। पिता गंभीर रूप से बीमार हैं, जबकि मां महासमुंद जिले में सरकारी सेवा में पदस्थ हैं।
सुसाइड नोट में प्रज्ञा ने यह भी लिखा कि उसे अपने पिता का स्नेह कभी नहीं मिला, जिससे वह अंदर ही अंदर टूट गई थी। पुलिस को शक है कि पारिवारिक तनाव और माता-पिता के रिश्ते में आई दरार ने ही उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
Raipur Student Suicide: कमरे का दरवाजा खुला मिला, दोस्त ने दी सूचना
17 अक्टूबर की दोपहर जब उसकी सहेली मिलने पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद नहीं था। उसने कमरे में प्रवेश किया तो देखा कि प्रज्ञा पंखे के हुक से फांसी पर लटकी हुई थी। सहेली ने तुरंत स्थानीय लोगों को सूचना दी। इसके बाद डीडी नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम करते हुए जांच शुरू की।
पुलिस टीम ने कमरे से मिले सुसाइड नोट, मोबाइल और अन्य सामान को जब्त किया है। शुरुआती जांच में किसी प्रकार के संघर्ष या बाहरी दखल के निशान नहीं मिले हैं।
मानसिक दबाव की वजह से बढ़ा तनाव
पुलिस सूत्रों के अनुसार, (Mental Stress in Students) के मामलों में अक्सर पारिवारिक कलह, पढ़ाई का दबाव और भावनात्मक अस्थिरता प्रमुख कारण बनते हैं। प्रज्ञा की स्थिति भी कुछ ऐसी ही थी — वह काफी समय से चुपचाप रह रही थी और दोस्तों से कम बातचीत करती थी।
करीबी लोगों का कहना है कि वह अपनी मां-पिता के टूटे रिश्ते को लेकर अक्सर परेशान रहती थी, लेकिन किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाती थी।
Raipur Student Suicide: जांच जारी, दोस्तों और परिवार से हो रही पूछताछ
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। जांच अधिकारी का कहना है कि (Raipur Police Investigation) के तहत छात्रा के दोस्तों और परिजनों से पूछताछ की जा रही है ताकि वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल डेटा और चैट हिस्ट्री की भी जांच की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि घटना से पहले उसके जीवन में क्या चल रहा था।
यह घटना एक बार फिर इस सवाल को खड़ा करती है कि (Student Mental Health Awareness) पर समाज में खुलकर चर्चा क्यों नहीं होती। जब परिवार ही तनाव का कारण बन जाए, तो बच्चों के पास सहारा नहीं बचता। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में संवाद ही सबसे बड़ा समाधान है — क्योंकि चुप्पी कई बार जिंदगी छीन लेती है।
