सीजी भास्कर, 10 सितम्बर। छत्तीसगढ़ (Agriculture University Recruitment Chhattisgarh) में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया पर अचानक रोक लगा दी गई है।
सोमवार देर रात राजभवन की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र जारी कर मंगलवार से शुरू होने वाले साक्षात्कार स्थगित करने का निर्देश दिया गया।
साथ ही, कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को भी तत्काल राजभवन तलब किया गया। (Agriculture University Recruitment Chhattisgarh)
60 से अधिक पदों पर होनी थी भर्ती प्रक्रिया
विश्वविद्यालय में 18 सहायक प्राध्यापक सहित कुल 60 से अधिक पदों (Agriculture University Recruitment Chhattisgarh) के लिए साक्षात्कार की तैयारी थी।
इनमें कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए विषय विशेषज्ञ (37 पद), फार्म मैनेजर (8 पद), प्रोग्राम असिस्टेंट (7 पद) और ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्यून जैसे पद शामिल थे।
इसके अलावा बैकलॉग श्रेणी के 12 पद और खाद्य कॉलेज के लिए 6 पदों पर भी भर्ती प्रस्तावित थी।
ये साक्षात्कार 22 सितंबर तक चलने वाले थे।
राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन में खींचतान
भर्ती प्रक्रिया (Agriculture University Recruitment Chhattisgarh) को लेकर पिछले कई दिनों से कुलाधिपति कार्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मतभेद चल रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, राजभवन का प्रतिनिधि साक्षात्कार बोर्ड में शामिल करने का दबाव बनाया जा रहा था।
जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि नियमों में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।
इसी विवाद को सुलझाने के लिए कुलपति को बार-बार राजभवन बुलाया गया।
कुलपति की अनुपस्थिति और अचानक आदेश
रविवार को भी कुलपति को बुलाया गया था, लेकिन पारिवारिक कारणों से वे उपस्थित नहीं हो पाए।
इसके बाद सोमवार रात करीब 8 बजे राजभवन ने पत्र जारी कर साक्षात्कार प्रक्रिया (Interview Process Stop) को रोकने का निर्देश दिया।
अभ्यर्थी लौटे निराश, लेन-देन की शिकायतें बनी वजह
राजभवन सूत्रों के अनुसार, भर्तियों को लेकर अनियमितताओं और लेन-देन (Recruitment Scam Allegations) की शिकायतें मिली थीं।
कुछ प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए थे, जिसके आधार पर फिलहाल पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया।
मंगलवार को साक्षात्कार देने पहुंचे अभ्यर्थियों को लौटना पड़ा। इससे उम्मीदवारों में भारी निराशा है।
विवि प्रबंधन ने दी सफाई
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अभी न तो चयन हुआ है और न ही किसी प्रकार की नियुक्ति।
ऐसे में अनियमितता कहना सही नहीं है। स्थिति साफ होने के बाद ही साक्षात्कार की नई तिथियां तय की जाएंगी।