डीएनए सैंपल से शवों की पहचान प्रक्रिया जारी, परिजनों में आक्रोश
प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों को 2 लाख, घायलों को 50 हजार की मदद
बस में पटाखों से आग भड़कने की आशंका, जांच जारी
सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। राजस्थान में हुए भीषण (Rajasthan Bus Fire Accident) के बाद मंगलवार देर रात पहली FIR दर्ज की गई है। हादसे का शिकार पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर सदर थाने में मामला दर्ज कराया है।
इस (Rajasthan Bus Fire Accident) में मृतकों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। हादसे में झुलसे 10 वर्षीय यूनुस ने मंगलवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
महात्मा गांधी अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अब भी 4 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
डीएनए सैंपल से हो रही पहचान प्रक्रिया
शवों की पहचान के लिए जोधपुर और जैसलमेर के अस्पतालों में डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। पहचान की प्रक्रिया में देरी को लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई। अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि वेरिफिकेशन में थोड़ा समय लगता है ताकि कोई गलती न हो। उन्होंने बताया कि अधिकतम 24 घंटे में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
कैसे हुआ हादसा
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दरअसल, मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई। इस (Rajasthan Bus Fire Accident) में 19 लोगों की मौत बस के अंदर ही हो गई, जबकि एक ने जोधपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ा।
- बस में पटाखे होने का अंदेशा
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि बस की डिग्गी में पटाखे भरे हुए थे, जिससे आग तेजी से फैली। पहले शॉर्ट सर्किट और फिर एसी कम्प्रेशर पाइप फटने की थ्योरी सामने आई थी। फॉरेंसिक टीम अब इन सभी संभावनाओं की जांच कर रही है (Rajasthan Bus Fire Accident)।
- मृतकों को 2 लाख, घायलों को 50 हजार की सहायता
जैसलमेर बस हादसे के पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद की घोषणा की गई है।
मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा — “जैसलमेर की दुर्घटना से हुई जान-माल की हानि से मन व्यथित है।”
- मंत्री बोले कुछ लोग पूरी तरह खाक हो गए
राज्य के मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, “पीछे से धमाके की आवाज आई। एसी का कम्प्रेशर फट गया और गैस-डीजल के मेल से आग भीषण रूप ले गई। बस में सिर्फ एक ही दरवाजा था, इसलिए यात्री फंस गए।” उन्होंने बताया कि सेना ने कुछ शवों को बाहर निकाला, लेकिन कई लोग इतने झुलस गए कि उनकी पहचान मुश्किल है।