मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) — बाढ़ के कहर के बीच मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र में एक चमत्कारी बचाव की कहानी सामने आई है। संभल जिले के 25 वर्षीय सतपाल की जान उस वक्त बाल-बाल बच गई, जब वह रामगंगा नदी में आए तेज बहाव में बह गया और लगभग 1.5 किलोमीटर तक पानी में बहने के बाद एक यूकेलिप्टस के पेड़ से चिपककर 22 घंटे तक लटका रहा।
कैसे हुआ हादसा
शनिवार शाम सतपाल अपनी नानी के घर, गांव राझेड़ा (थाना मूंढापांडे) जा रहा था।
- रात करीब 9 बजे, रामगंगा नदी का पुल पार करते समय उसका पैर फिसला
- तेज बहाव ने उसे पुल से नीचे नदी में खींच लिया
- करीब डेढ़ किलोमीटर तक बाढ़ में बहने के बाद, एक यूकेलिप्टस के पेड़ की टहनी पकड़कर ऊपर चढ़ गया
रात का अंधेरा, ठंड और पानी की तेज आवाजें उसके लिए मौत का खौफ लेकर आईं।
फोन से भेजी मदद की पुकार
पेड़ पर चढ़ने के बाद सतपाल ने अपने भाई वीरपाल को रात करीब 11 बजे फोन कर बताया कि वह डूब रहा है, लेकिन लोकेशन भेजने से पहले फोन स्विच ऑफ हो गया।
परिवार ने तुरंत खोजबीन शुरू की और पुलिस को सूचना दी।
सुबह शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
रविवार सुबह तक कोई पता न लगने पर, दलपतपुर चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र कुमार ने अफसरों को जानकारी दी।
- मोबाइल का CDR निकालकर लोकेशन ट्रेस की गई
- SSP सतपाल ने 5 रेस्क्यू टीमें गठित कीं
- SDRF और स्थानीय गोताखोर जंगल क्षेत्र (रोंडा-झोंडा) में सर्च करने लगे
करीब तीन घंटे की खोज के बाद टीम ने सतपाल को पेड़ पर बैठे देखा और सुरक्षित नीचे उतारा।
“मुझे लगा था अब जिंदगी खत्म” — सतपाल
सतपाल ने कहा:
“अगर पुलिस और एसडीआरएफ समय पर न आती, तो मैं आज जिंदा नहीं होता। उस रात मुझे लगा कि मेरी जिंदगी यहीं खत्म हो जाएगी।”
रविवार शाम लगभग 7 बजे, घटना के करीब 24 घंटे बाद, सतपाल अपने घर पहुंच सका।
जिले में बनी चर्चा का विषय
यह घटना मुरादाबाद और संभल में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इसे बाढ़ के बीच साहस और बचाव का अद्भुत उदाहरण मान रहे हैं।