कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री रान्या राव, जो कि एक वरिष्ठ IPS अधिकारी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं, उन्हें बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 3 मार्च 2025 को सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जब रान्या दुबई से लौट रही थीं, तब DRI (Directorate of Revenue Intelligence) ने उनकी तलाशी ली और उनके पास से 14.2 किलो सोना बरामद किया, जिसकी बाज़ार में क़ीमत लगभग ₹12.5 करोड़ आंकी गई।
COFEPOSA के तहत सुनाई गई सजा
जांच में सामने आया कि यह कोई पहली बार की घटना नहीं थी। रान्या 2023 से अब तक 52 बार दुबई जा चुकी हैं, और जांच एजेंसियों के मुताबिक, वे लगभग 100 किलो सोना भारत में तस्करी कर ला चुकी हैं।
इन तथ्यों के आधार पर, सरकार ने COFEPOSA (Conservation of Foreign Exchange and Prevention of Smuggling Activities Act) के तहत 1 साल की नॉन-बेलेबल जेल की सज़ा दी है।
तीन एजेंसियों की क्रॉस-जांच
रान्या राव का मामला बेहद संवेदनशील बन गया है क्योंकि इसमें केवल DRI ही नहीं, बल्कि ED (प्रवर्तन निदेशालय) और CBI भी जांच में शामिल हैं।
ED ने रान्या की ₹34 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है। मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला नेटवर्क और विदेशी मुद्रा उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
सोना कहां छिपाया गया था?
DRI की रिपोर्ट के अनुसार, रान्या ने सोने को बैंडेज, कपड़ों और जूतों के भीतर छुपाया था। ये तरीका बेहद प्रोफेशनल और योजनाबद्ध था, जो उनके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
COFEPOSA का प्रभाव और VIP कनेक्शन की जांच
COFEPOSA के अंतर्गत डिफ़ॉल्ट ज़मानत मिलने के बावजूद रान्या को जेल में ही रहना पड़ा, क्योंकि यह कानून रोकथामपरक निरोध की अनुमति देता है।
कोर्ट ने ज़मानत के लिए ₹2 लाख का पर्सनल बॉन्ड और दो गारंटर की शर्त रखी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदी और जांच में सहयोग का आदेश दिया।
रान्या पर VIP सुरक्षा और पुलिस कनेक्शन के दुरुपयोग का भी आरोप है। एजेंसियां अब इस पहलू की भी गहन जांच कर रही हैं।