सीजी भास्कर, 13 सितंबर। जंगल सफारी में फिलहाल पर्यटकों को सफेद भालू(Rare White Bear Alert) देखने को नहीं मिलेगा। भालू की उम्र कम (दो वर्ष) होने के कारण सेंट्रल जू अथारिटी (Zoo Authority) ने उसे खुले में रखने की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि भालू दुर्लभ प्रजाति का है। इसलिए उसे फिलहाल पिंजरे में ही रखा जाएगा। तीन साल का होने पर ही उसे पर्यटकों के लिए सफारी में खुला छोड़ा जाएगा। टीम अब सफेद भालू के लिए पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उसकी देखभाल करने की योजना बना रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सफेद भालू (Rare White Bear Alert) के दो शावकों को मरवाही और बैकुंठपुर चिरमिरी के जंगल से रेस्क्यू कर लाया गया था। जंगल सफारी में उन्हें डाक्टरों की निगरानी में रखा गया। जंगल सफारी में जेब्रा बसाने के लिए इसमें से एक भालू को गुजरात स्थित वनतारा जू को दे दिया गया है। इसके बदले जंगल सफारी प्रबंधन को दो जेब्रा समेत मीर कैट और माउस डियर का जोड़ा मिला है। हालांकि जंगल सफारी में एक जेब्रा की सांप के डंसने से मौत हो गई। इसके लिए जंगल सफारी प्रबंधक को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। वहीं दूसरे जेब्रा को अभी पिंजरे में रखा गया है। यह (Wildlife Management) के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
जेब्रा के लिए 10 साल से हुआ प्रयास
जंगल सफारी प्रबंधन लगभग 10 वर्ष से जेब्रा लाने का प्रयास कर रहा था। इसके लिए अफसर विदेश तक भी गए थे। लेकिन ज्यादा खर्च होने की बात पर योजना टाल दी गई। इसके बाद प्रबंधक ने देश के अलग-अलग जू से संपर्क शुरू किया। अंत: गुजरात स्थित वनतारा जू प्रबंधन एक जोड़ा जेब्रा देने राजी हुआ, लेकिन उसके बदले में एक सफेद भालू की मांग की। यह (Animal Conservation) और (Exotic Species) की दिशा में प्रयासों को दर्शाता है। टीम यह सुनिश्चित करेगी कि भालू के लिए पर्यावरणीय मानक पूरे हों और भविष्य में सफारी में (Visitor Experience) सुरक्षित और आनंददायक हो।