सीजी भास्कर, 14 अप्रैल। छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी रतनपुर में कछुओं की मौत पर बवाल नहीं थम रहा है। इस मामले में वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए महामाया ट्रस्ट के पदाधिकारियों को बचाने का आरोप लग रहा है।
रविवार को स्थानीय लोगों ने रतनपुर बंद कराकर विरोध जताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
बता दें कि, बीते 25 मार्च को महामाया मंदिर परिसर स्थित कुंड में 23 कछुओं की मौत हो गई थी। वन विभाग की टीम अभी इस मामले की जांच कर रही थी कि 8 अप्रैल को मंदिर परिसर स्थित कल्पेशरा तालाब में फिर से 4 कछुओं की मौत हो गई।
लगातार हो रही कछुओं की मौत और वन विभाग की कार्रवाई से नाखुश लोगों ने नाराजगी जताई है। लोगों का आरोप है कि वन विभाग के अफसर मामले को गंभीरता से लेने के बजाय केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।
दो मछुआरे समेत पांच को बनाया आरोपी, ट्रस्टियों पर कार्रवाई नहीं : इस पूरे मामले में वन विभाग की कार्रवाई पर लोगों का कहना है कि गंभीर मामले में केवल दो मछुआरों को आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है। जबकि, तीन आरोपी फरार हैं।
इसमें भी मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष केवल सतीश शर्मा को दोषी बताया गया है। हालांकि, वो भी फरार है।
ट्रस्ट के पदाधिकारियों से क्यों नहीं हुई पूछताछ
स्थानीय लोगों के मुताबिक, वन विभाग ने इस मामले में न तो ट्रस्ट के पदाधिकारियों से पूछताछ की और न ही किसी से जवाब तलब किया। जबकि, उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने अपने बयान में बताया है कि कुंड की सफाई समिति के निर्णय से हुआ है।
ऐसे में जाहिर है कि अगर सतीश शर्मा को आरोपी बनाया गया है तो अन्य पदाधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए। लेकिन, वन विभाग के अफसरों ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
रतनपुर बंद कर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी : इस घटना के विरोध में आक्रोशित लोगों ने रविवार को रतनपुर बंद रखा। इस दौरान सुबह से लेकर दोपहर तक स्थानीय लोग घूम-घूमकर दुकानों को बंद कराते रहे।
वहीं, तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सभी दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।