सीजी भास्कर, 13 नवंबर | बिलासपुर में Religious Conversion Case (धर्मांतरण मामला) को लेकर फिर एक बार तनाव फैल गया है। सोमवार की शाम दो अलग-अलग स्थानों पर चल रही प्रार्थना सभाओं में हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि इन सभाओं में महिलाओं और बच्चों को बरगलाकर उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया और दोनों मामलों में अपराध दर्ज किया है।
Religious Conversion Allegation — ड्राइवर पर लगाया धर्मांतरण कराने का आरोप
पहला मामला सरकंडा क्षेत्र के वसंत विहार कॉलोनी का है, जहां SECL में कार्यरत ड्राइवर राजेंद्र खरे अपने घर पर प्रार्थना सभा करवा रहा था। स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों को सूचना मिली कि वह हिंदू देवी-देवताओं को शैतान बताकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
सूचना मिलते ही कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। अंदर से धार्मिक भजन की आवाजें आ रहीं थीं। जब खिड़की से झांककर देखा गया, तो राजेंद्र 10 से 12 महिलाओं और पुरुषों को “विश्वासी” कहकर संबोधित करते हुए उनकी आस्था बदलने की बातें कर रहा था।
महिलाओं-बच्चों को गुमराह करने का आरोप
Faith Manipulation (Brainwash) का आरोप लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने बताया कि राजेंद्र सभा में शामिल लोगों को यह समझा रहा था कि हिंदू देवी-देवता बुराई का प्रतीक हैं और सच्चा मार्ग केवल उनके “विश्वासी समुदाय” में है।
वसंत विहार के घर में 7 से 8 बच्चे और कई महिलाएं मौजूद थीं। यह खबर मिलते ही इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया।
दूसरा Religious Conversion Case — पचपेड़ी में प्रार्थना सभा में बवाल
इसी दिन दूसरा मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र के कुकुर्दीखुर्द गांव से सामने आया। यहां संजय डांडेकर के घर में धार्मिक प्रार्थना सभा चल रही थी, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, सभा के दौरान महिलाओं और बच्चों को Faith Conversion (धर्म परिवर्तन) के लिए प्रेरित किया जा रहा था। सूचना मिलते ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे और सभा बंद करने की मांग की।
बाइबिल थमाई गई, माहौल बिगड़ा — पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस टीम के मौके पर पहुंचने पर देखा गया कि कई महिलाएं, पुरुष और बच्चे हाथ में बाइबिल और धार्मिक पुस्तकें लिए प्रार्थना कर रहे थे। माहौल देखते ही तनाव बढ़ गया और कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति बन गई।
पुलिस ने बीच-बचाव कर सभा को तत्काल बंद कराया। जांच में पाया गया कि सभा में शामिल लोग हिंदू समुदाय से हैं, जिन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी, केस दर्ज
पुलिस ने राजेंद्र खरे, संजय डांडेकर, और रिरिक लहसकर को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ IPC Section 299 और धार्मिक अधिनियम की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फिलहाल पुलिस दोनों स्थानों से जब्त किए गए धार्मिक साहित्य और उपकरणों की जांच कर रही है। अधिकारी का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आगे की कार्रवाई सावधानीपूर्वक की जा रही है।
बढ़ता Religious Conversion Debate — प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
धर्मांतरण से जुड़े मामलों में हाल के दिनों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने बिलासपुर और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है ताकि भविष्य में ऐसे किसी Faith Conversion Activity को समय रहते रोका जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस तरह के आयोजन सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले पाए गए, तो कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
