राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी जांच में Revenue Promotion Scam से जुड़ा एक बड़ा मोड़ सामने आया है। पटवारी से राजस्व निरीक्षक प्रमोशन परीक्षा में कथित हेराफेरी के मामले में लगातार पूछताछ जारी रही और कई अधिकारियों से जानकारी जुटाई गई।
जांच टीम ने बताया कि अब जिन दो अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है, वे लंबे समय से परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों पर काम कर रहे थे, जिसके चलते उनकी भूमिका संदेह के दायरे में आई।
EOW Action: प्रश्नपत्र लीक, मोटी रकम वसूली और लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप
जांच में यह तथ्य सामने आया कि सहायक सांख्यिकी अधिकारी वीरेन्द्र जाटव (कार्यालय: आयुक्त भू-अभिलेख, रायपुर) और हेमन्त कौशिक (कार्यालय: क्षेत्रीय उप आयुक्त भू-अभिलेख, रायपुर) पर Exam Paper Leak और कथित रूप से अभ्यर्थियों से बड़ी रकम लेने का आरोप है।
एजेंसी को मिले साक्ष्यों के अनुसार दोनों अधिकारियों ने न केवल प्रश्नपत्र पहले से उपलब्ध कराए, बल्कि अभ्यर्थियों को परीक्षा पूर्व तैयारी में भी असामान्य लाभ दिलाया। यह कार्रवाई उनके द्वारा “स्वयं अथवा वरिष्ठ अधिकारियों को असम्यक लाभ पहुंचाने की मंशा” से जुड़ा माना जा रहा है।
Exam Paper Leak: धोखाधड़ी, जालसाजी और षडयंत्र से जुड़े प्रावधानों में केस दर्ज
इस मामले में पंजीकृत अपराध क्रमांक—64/2025 के तहत Corruption Investigation कई धाराओं को शामिल किया गया है, जिनमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7(सी) तथा भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 467, 468, 471 और 120-B सम्मिलित हैं।
इन धाराओं का उल्लेख ही इस बात को स्पष्ट करता है कि मामला केवल परीक्षा हेराफेरी का नहीं, बल्कि दस्तावेज़ों में जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र से भी जुड़ा है।
EOW Action: अदालत में पेशी और आगे की वैधानिक प्रक्रिया
दोनों आरोपी अधिकारियों को 20 नवंबर 2025 की सुबह गिरफ्तार किया गया और बाद में उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अदालत में पेशी के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि आगे भी कुछ और लोगों से पूछताछ हो सकती है, क्योंकि प्रकरण की जड़ें कई स्तरों तक फैली होने की संभावना जताई जा रही है।
