सीजी भास्कर, 25 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी युवाओं का पहला जत्था 23 सितंबर 2025 को लखनऊ के लिए रवाना हुआ।इस जत्थे में 20 लड़के और 20 लड़कियां शामिल हैं। इनके साथ सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो पुरुष और दो महिला सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। (Tribal Youth Exchange Program)
युवा आदान-प्रदान का उद्देश्य और महत्व
Tribal Youth Exchange Program के तहत ये युवा विभिन्न राज्यों के आदिवासी समुदायों के युवाओं से मिलेंगे। अलग-अलग संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, परंपरा और लोक कला से परिचित होंगे। लक्ष्य केवल सांस्कृतिक मेल-जोल नहीं, बल्कि युवाओं को उनके अधिकारों, करियर विकल्पों और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन देना भी है।

कार्यक्रम की अवधि और चयन प्रक्रिया
यह आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम मेरा युवा भारत, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।
प्रत्येक जत्था 7 दिनों के लिए लखनऊ में विभिन्न गतिविधियों में भाग लेगा। इस वर्ष छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिलों से कुल 650 युवा (18 से 22 वर्ष आयु वर्ग) 25 अलग-अलग भ्रमण कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।
मुख्य गतिविधियां और अनुभव (Tribal Youth Exchange Program)
Tribal Youth Exchange Program के दौरान प्रतिभागी संवैधानिक अधिकारियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से (Tribal Youth Exchange Program) संवाद सत्र, पैनल चर्चा, व्याख्यान सत्र, भाषण प्रतियोगिता, कैरियर मार्गदर्शन और खेल आयोजनों की जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा युवा लखनऊ के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल, उद्योग और सुरक्षा बलों के कैंप का भी भ्रमण करेंगे।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भविष्य की तैयारी
इस कार्यक्रम से युवाओं को अन्य राज्यों के आदिवासी संस्कृति, वेषभूषा और लोक कार्यक्रम की प्रस्तुति देखने और सीखने का अवसर मिलेगा।
यह पहल उन्हें सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक एकता और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करेगी, जिससे वे अपने समुदाय और राज्य के विकास में सक्रिय योगदान दे सकेंगे।
