सीजी भास्कर, 06 अक्टूबर। ग्रामीणों का धैर्य आखिरकार टूट गया। लंबे इंतजार और बार-बार आश्वासन के बावजूद सड़क मरम्मत न होने पर लोगों ने सोमवार की सुबह हाइवे पर उतरकर विरोध जताया। अचानक सड़क जाम होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। (Road protest)
लोगों का कहना है कि पिछले 18 वर्षों से वे जर्जर मार्गों पर चलने के लिए मजबूर हैं। बरसात के दिनों में कीचड़ और गर्मियों में धूल की समस्या से उनका जीवन प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य संबंधी खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। यही कारण है कि लोग अब सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं। (Road protest) का यह नजारा सुबह अचानक सभी के लिए चुनौती बन गया।
घटना बिलासपुर जिले के तोरवा और सिरगिट्टी क्षेत्र की है। यहां के मानिकपुर, धुमा और सिलपहरी गांवों के ग्रामीणों ने ढेका के पास नेशनल हाइवे पर जाम लगाया। इस (Road protest) में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। करीब दो घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण रही। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और जल्द सड़क निर्माण का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया।
ग्रामीणों का कहना है कि नौ महीने से अधिकारियों की ओर से सिर्फ भरोसा दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें आज भी गड्ढों और धूल भरी सड़कों से गुजरना पड़ता है। लोग हर रोज अपने बच्चों और बुजुर्गों को अस्पताल ले जाते समय सबसे ज्यादा कठिनाई झेलते हैं।
लोगों की परेशानी बढ़ी Road protest
जाम के दौरान बिलासपुर से मस्तूरी, जांजगीर-चांपा और रायपुर की ओर जाने वाले लोग घंटों फंसे रहे। दोपहिया और पैदल चलने वालों को भी ग्रामीणों ने रोका। कई लोग ऑफिस और ड्यूटी पर जाने के लिए निकले थे, जबकि कुछ लोग इलाज के लिए शहर आ रहे थे। इस (Road protest) की वजह से सभी को भारी दिक्कत उठानी पड़ी।
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