सीजी भास्कर, 31 मार्च। रायपुर में रिटायर्ड पुलिसकर्मी और उसके साथियों ने किसान परिवार के घर डकैती की। किसान पर पिस्टल और तलवार अड़ाकर 6 लाख कैश और जेवर ले गए। पुलिस police ने 15 डकैतों को गिरफ्तार किया है, जबकि 3 फरार हैं। मामला खरोरा थाना क्षेत्र के केवराडीह गांव का है।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों को पीड़ित के घर 40 करोड़ कैश और 16 किलो सोना होने की सूचना मिली थी। इसके बाद मास्टरमाइंड देवराज डहरिया, रिटायर्ड पुलिसकर्मी ईश्वर रामटेके और सोना बारमते ने डकैती कांड की पूरी स्क्रिप्ट लिखी। तीनों ने मिलकर 18 लोगों का गिरोह बनाया और वारदात को अंजाम दिया।
जानिए डकैती कांड की असली वजह ?
मुख्य आरोपी देवराज डहरिया पहले पीड़ित राधेलाल भारद्वाज के संपर्क में था। दोनों के बीच व्यवसायिक मनमुटाव था, जिससे दुश्मनी बढ़ गई। देवराज को विश्वास था कि भारद्वाज के घर बड़ी मात्रा में नकदी और सोना-चांदी है। इससे डकैती कांड के हर मेंबर करोड़पति बन जाएंगे।
देवराज ने खुद अफवाह फैलाई कि भारद्वाज के घर 40 करोड़ रुपए और 16 किलो सोना रखा है। इसके बाद साथियों को इकट्ठा किया। आरोपी 3 फोर व्हीलर से और एक बाइक पर आए थे। 7 लोग घर में घुसे, बाकी घर के बाहर निगरानी कर रहे थे। परिवार को बंधक बनाकर डकैती की।
अब जानिए डकैती कांड को कैसे दिया अंजाम ?
दरअसल, 27 मार्च 2025 को किसान राधेलाल के घर में डकैती हुई थी। घर में उनकी पत्नी, मां, एक बेटी और बहू थी। यह सभी अलग-अलग कमरे में सो रहे थे, तभी रात करीब 2 बजे 7 आदमी आए। शोरगुल की आवाज सुनकर घर के अन्य लोग भी उठ गए।
पीड़ित ने बताया कि, अचानक उनके कमरे में 2-3 लोग आ गए। हाथ में तलवार, बंदूक और चाकू लिए थे। गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। वे लोग कहने लगे सभी चुप रहो, चुप रहो। चिल्लाना मत नहीं गोली मार देंगे बोलकर तलवार से हमला करने लगे थे। कैश और जेवर के बारे में पूछ रहे थे।
कैश और जेवर बैग में रखकर भागे
पीड़ित राधेलाल ने बताया था कि, डकैतों ने कुछ फैमिली मेंबर के हाथ पर भी बांध दिए थे। इसके बाद डकैतों ने घर में रखे अलमारी से कैश और जेवर निकालकर एक बैग में रखकर वहां से भाग निकले। इसके बाद राधेश्याम ने करीब 3 बजे रात खरोरा पुलिस को सूचना दी थी।
वारदात के बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड की जब मदद ली गई तो स्निफर डॉग राधेलाल के घर से निकलकर गांव के बाहर लाली डबरी तक जाकर लौटता रहा। उसके आगे बलौदाबाजार हाइवे सड़क जाती है। अनुमान लगाया गया कि डकैत इसी रास्ते से दूसरे जिले में भाग हैं। इस पर बलौदाबाजार, बेमेतरा और अन्य जिलों को भी अलर्ट किया गया।
पुलिस की 10 स्पेशल टीमों का गठन
रायपुर SSP लाल उमेद सिंह ने पुलिस की 10 स्पेशल टीमों का गठन किया, जिसने तकनीकी और वैज्ञानिक तरीकों से जांच शुरू की। आसपास के जिलों में नाकेबंदी की गई। फोरेंसिक और डॉग स्क्वाड की मदद ली गई। मुखबिरों की सहायता से संदिग्धों की पहचान की गई।
जांच के दौरान पुलिस को तिल्दा-नेवरा निवासी जितेंद्र पाठक की संलिप्तता की जानकारी मिली। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर डकैती की साजिश रचने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने मुंगेली Mungeli, कबीरधाम Kabidham, बलौदा बाजार, महासमुंद और रायपुर Raipur में छापेमारी कर 15 आरोपियों को पकड़ा।