सीजी भास्कर, 10 जून। पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक खास चर्चा हुई। इस दौरान भारतीय सेना की बहादुरी और उनके द्वारा पाकिस्तान और Pok में आतंकी ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों की तारीफ की गई लेकिन प्रस्ताव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम न होने पर बीजेपी ने इस पर कड़ा एतराज जताया।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय से अपील की कि प्रस्ताव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम जरूर जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक है और इसका नाम न शामिल करना सेना का अपमान है। सुवेंदु ने कहा कि ‘हमारी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ जो साहस दिखाया, उसे सही नाम के साथ सम्मान देना चाहिए।’
इस चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक असीम सरकार ने अनोखे अंदाज में अपनी बात रखी। उन्होंने विधानसभा में भारतीय सेना के सम्मान में एक गीत गाया, जिसने सभी का ध्यान खींचा।
असीम सरकार ने कहा ‘हमारी सेना ने देश की शान बढ़ाई है. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि देश की एकता और ताकत का भी प्रतीक है।’‘
ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम न लिखना सेना का अपमान
प्रस्ताव में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के कोऑर्डिनेशन की तारीफ की गई। इसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा गया कि सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के लोगों की एकता और सहनशक्ति की भी सराहना की गई। लेकिन बीजेपी का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम न लिखना ममता सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
ड्राफ्ट बनाने वालों को बेसिक जानकारी भी नहीं
बीजेपी के नेता शंकर घोष ने कहा कि ‘प्रस्ताव तैयार करने वालों को सेना के ऑपरेशनों की जानकारी नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर का नाम ड्राफ्ट में न शामिल करना यह दिखाता है कि इसे बनाने वालों को देश में क्या हो रहा है यह भी नहीं मालूम था.’ दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ममता सरकार ने पहले भी किया, ऑपरेशन सिंदूर का विरोध
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पहले भी पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान देखने को मिला है। टीएमसी विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने इसे ‘नाटक’ बताकर विवाद खड़ा किया था। जिसके बाद बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ममता बैनर्जी पर ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने का आरोप लगाया था।